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भारत में आरबीआई द्वारा कई तरह के 10 रूपये के सिक्के जारी किए गए हैं। सभी सिक्कों में आपको थोड़ा-थोड़ा बदलाव जरूर दिखाई देता होगा। यही वजह है कि लोग 10 रूपये के कुछ सिक्कों को नकली मानते हैं और लेने से मना कर देते हैं। हर किसी के साथ ऐसा हुआ होगा, जब किसी ने आपके 10 रुपये के सिक्के को लेने से मना कर दिया होगा। अक्सर दुकानदार एवं अन्य व्यवसायी एक खास डिजाइन का ही 10 रुपये का सिक्का लेते हैं, बाकी डिजाइन के सिक्के लेने से मना कर देते हैं। कई दुकानदार या ऑटो वाले ये कहते हैं कि 10 रुपये के वही सिक्के सही हैं, जिनमें 10 धारियां बनी हुई हैं। बाकी सारे सिक्के नकली हैं। इस तरह की शिकायतें देश के कई हिस्सों से आती हैं। अगर आप भी 10 रुपये के सिक्कों को नकली मानते हैं तो आप गलत हैं। सरकार ने 10 रुपये के सिक्कों पर अपनी स्पष्ट राय दी है।
10 रूपये के कई सिक्के चलन में
- भारत में कई तरह के 10 रुपये के सिक्के चल रहे हैं। इन सिक्कों पर कई अलग-अलग आकृतियां या चित्र बने होते हैं, जिसकी वजह से ज्यादातर लोग कंफ्यूज रहते हैं और इन सिक्कों को लेने से मना कर देते हैं। अब हाल ही में केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि 10 रुपये के सिक्के पूरी तरह मान्य हैं और ये नकली नहीं है।
सरकार ने दिया जवाब
- केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 8 फरवरी को राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा है कि 10 रुपये के सभी सिक्के लीगल टेंडर हैं। यानी कि पूरी तरह से वैध हैं। सरकार की तरफ से बताया गया कि 10 रुपये के सिक्कों को सभी प्रकार के लेन-देन के लिए लीगल टेंडर के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।
उन्होंने साफ कहा है कि कई आकार, थीम और डिजाइन में भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के तहत सर्कुलेट किए गए 10 रुपये के सिक्के लीगल टेंडर हैं। इन सिक्कों को सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन में लीगल टेंडर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में अब कोई भी दुकानदार या अन्य व्यवसाई इन सिक्कों को लेने से मना नहीं कर सकता।