जब भी थायरॉयड के साथ कोई भी समस्या होती है तो एक संकेत है जो साफ-साफ नजर आने लगता है वो है गर्दन में सूजन या वृद्धि। जो संभवतः थायरॉयड सिस्ट, कैंसर या नोड्यूल के कारण होता है, जो कि ट्यूमर के रुप में थायरॉयड के अंदर बनते हैं। जिसे घेंघा भी कहा जाता है। घेंघा बहुत अधिक हाइपरथाइरॉडिज्म हार्मोन के स्त्रावित होने या हाइपोथाइरोडिज्म के बहुत कम स्त्रावित होने या एकदम सामान्य होने पर भी हो सकता है। घेंघा रोग होने का मतलब है कि थॉयराइड ग्लैंड एब्नॉर्मल तरीके से बढ़ रही है
थायराइड नोड्यूल ग्रंथि में गांठ होते हैं। हालांकि अधिकांश गांठ और सूजन हानिरहित होते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति होने पर आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मिलने का समय निर्धारित करना चाहिए।
घेंघा रोग के प्रकार घेंघा रोग मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है।
साधारण घेंघा रोग: इसमें थायराइड ग्रंथि बढ़ने लगती है और आयोडीन की कमी होने लगती है। लेकिन कोई ट्यूमर नहीं बनता। डिफ्यूज
टॉक्सिक गोइटर: इसमें थायराइड ग्रंथि बढ़ती है और डिप्रेशन और दिल की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या में थायरोस्टैटिक सही से काम नहीं करती।
नॉनटॉक्सिक गोइटर: इस समस्या में सूजन के साथ-साथ थायराइड ग्रंथि का विकास होता है।
टॉक्सिक नोड्यूलर गोइटर: इस प्रकार के घेंघा में 55 साल से अधिक वाले लोगों को होता है, इसमें थायराइड ग्रंथि बढ़ती है और ग्लैंड का आकार बढ़ने लगता है और गांठ बनने लगती है।
लक्षण 1. अधिक मात्रा में पसीना आना
2 – ज्यादा भूख लगना
3 – गर्मी सहन न कर पाना
4 – सुस्ती, थकान या कमजोरी महसूस करना
5 – गले के अंदरूनी हिस्से में दर्द महसूस करना
6 – गला खराब होना
7 – खांसी होना
8 – सांस लेने में दिक्कत महसूस करना
9 – वजन कम होना
10 – घबराहट महसूस करना है
11 – सांस लेते वक्त आवाज महसूस करना।