रायपुर। छत्तीसगढ़ में माघ माह की पूर्णिमा तिथि पर कई शहरों में भव्य मेला का आयोजन करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका उद्देश्य यह होता है कि आसपास के लोग मेला घूमने आएं और आपसी रिश्तों को मजबूत करें। एक-दूसरे से जान-पहचान बढ़ाएं। मेले की तैयारी में पूरा गांव एकजुट होता है, इससे गांव के लोगों में एकता की भावना जागृत होती है।
रायपुर में खारुन नदी के किनारे महादेवघाट, राजिम में त्रिवेणी संगम पर धमतरी में रूद्रेश्वर मेला, राजनांदगांव में मोहारा मेला का आयोजन होता है। इनमें राजिम और महादेवघाट में माघ माह पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला मेला प्रसिद्ध है। पुण्य की डुबकी लगाने आसपास के ग्रामीणों का हुजूम उमड़ता है। इस साल कोरोना गाइड लाइन के चलते मेले में ज्यादा तामझाम नहीं किया जा रहा है। सादगी से मेला की परंपरा निभाई जाएगी।