छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बेदरे थाना क्षेत्र से माओवादियों द्वारा अपहरण किए गए इंजीनियर व उसके सहयोगी मिस्त्री को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। मंगलवार की देर रात नक्सलियों ने जिस जगह से अपहरण किया था वहीं दोनों को लाकर छोड़ दिया। नक्सलियों ने दोनों को सरकारी कामों में सहयोग नहीं करने की चेतावनी भी दी है। इंजीनियर व मिस्त्री बेदरे स्थित सीआरपीएफ कैंप में सुरक्षित पहुंच चुके हैं, जिन्हें बीजापुर जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। एसएसपी कमलोचन कश्यप ने इसकी की पुष्टि की है।
बता दें कि शुक्रवार को बेदरे थाना क्षेत्र के नुगूर के समीप इंद्रावती नदी पर पुल निर्माण करवा रहे निजी कंपनी के इंजीनियर अशोक पवार व मिस्त्री आनंद यादव को नक्सली साथ ले गए थे। घटना के पांच दिन बाद दोनों को जन अदालत लगाने के बाद नक्सलियों द्वारा रिहा करने की बात सामने आई है।इधर इंजीनियर की पत्नी सोनाली पवार ने अपने पति को सकुशल रिहा करने की अपील नक्सलियों से की थी। सोनाली अपनी बच्ची को गोद में लिए तीन दिनों से बीजापुर के बेदरे थाना क्षेत्र के जंगलों में अपने पति को तलाश रही है। सोनाली की मार्मिक अपील के बाद नक्सलियों का दिल पसीज गया। सोनाली अभी भी जंगल में है। उसे सूचना देकर वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है।
निकिता ने की थी पीएम से मार्मिक अपील
सोनाली ने नक्सलियों से निवेदन किया था कि मेरे पति रोजी रोटी के लिए काम करने बस्तर आए हुए हैं। उन्हें छोड़ दीजिए, हम बस्तर से वापट लौट जाएंगे। सोनाली ने सीएम भूपेश बघेल से अपने पति की रिहाई में मदद की गुहार लगाई थी। इंजीनियर अशोक पवार की रिहाई के लिए उनकी नन्ही बेटी निकिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्मिक अपील की थी। निकिता ने कहा था कि प्रधानमंत्री जी हमारे पापा को छुड़वा दीजिए। मेरी मां भी मुझे छोड़कर जंगल में पापा को ढूंढने चली गई है। मोदी जी मैं आपसे निवेदन करती हूं पापा को छुड़वा दीजिए…।