भोपाल। मध्यप्रदेश के कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह (MLA Laxman Singh) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने सांसदों और विधायकों की पेंशन बंद करने का बड़ा मुद्दा उठा दिया है। लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के छोटे भाई हैं।
चांचोड़ा से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने सोमवार को बड़ी मांग उठाई है। विधायक ने ट्वीट के जरिए कहा है कि राष्ट्र निर्माण करने वाला शिक्षक, राष्ट्र की रक्षा करने वाला सैनिक अपनी पेंशन की लड़ाई लड़ रहा है, तो विधायक, सांसद और अधिकारियों की पेंशन बंद होनी चाहिए।
जातिवाद का भी उठाया मुद्दा
लक्ष्मण सिंह ने अपने ट्वीट में जातिवाद की राजनीति का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने लिखा है कि जातिवाद की राजनीति ने न तो देश का और न जाति का भला किया है। केवल नेताओं का भला किया है। क्यों न हम लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) जी जो जातिवाद के विरुद्ध थे, स्वयं की जाति का उल्लेख नहीं करते थे, उनका अनुसरण करें।
कितनी मिलती है विधायकों को पेंशन
6-क/ प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को, जिसने पांच वर्ष की कालावधि तक, चाहे वह कालावधि लगातार हो या न हो, मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया हो, 20,000/- रू. प्रतिमास पेंशन दी जाती है।
6-ख/ किसी ऐसे मृतक सदस्य या भूतपूर्व सदस्य के पति या पत्नी को, यदि कोई हो या आश्रित को, जो धारा 6-क की उपधारा (1) के अधीन पेंशन का हकदार था, उसकी मृत्यु की तारीख से ऐसी कालावधिके लिए 18,000/- रुपए प्रतिमास कुटुम्ब पेंशन दी जाती है।
6-ग/ प्रत्येक व्यक्ति, जो धारा 6-क के अधीन पेंशन का हकदार है, राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों में नि:शुल्क चिकित्सीय उपचार प्राप्त कचिकित्सीय भत्ता भी दिया जाएगा।
पूर्व सदस्यों को कूपन
पूर्व विधायक को को प्रमुख सचिव द्वारा यात्रा के कूपन दिए जाते हैं। इसके जरिए प्रथम श्रेणी या द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित शयनयान में अकेले या द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित शयनयान में पत्नी/अपने पति या एक परिचारक के साथ किसी भी रेल से यात्रा कर सकते हैं।
विधायकों की पेंशन
पूर्व सांसदों की सुविधाएं
– संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम, 1954 के तहत सांसदों को पेंशन मिलती है। पूर्व सांसद को हर महीना 20 हजार पेंशन मिलती है। 5 साल से ज्यादा हर साल के लिए 1,500 रुपए अलग से दिए जाते हैं। योगी आदित्यनाथ कमेटी 35 हजार रुपए पेंशन की सिफारिश कर चुकी है।
– पेंशन के लिए कोई न्यूनतम समय सीमा तय नहीं है। यानी एक दिन भी सांसद रहने वाला व्यक्ति पेंशन का हकदार हो जाता है।
– सांसदों और विधायकों को डबल पेंशन लेने का भी हक है। कोई व्यक्ति पहले विधायक रहा हो और बाद में सांसद बन गया हो तो उसे दोनों ही पेंशन मिलती रहती हैं।