वर्ष 2021-22 की सीबीएसई, cbse सीआइसीएसई cisce और विभिन्न राज्यों में कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे करोड़ों छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर। केंद्रीय बोर्डों central board व राज्य बोर्डों द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का परंपरागत ऑफलाइन मोड offline mod में आयोजन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. एम. खानविल्कर की अगुवाई वाली खण्डपीठ करेगी। देश भर के 15 राज्यों के छात्रों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में महामारी के बीच ऑफलाइन परीक्षाओं के आयोजन के विरूद्ध दायर किए गए पीआइएल को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश के न्यायमूर्ति एन. वी. रमन्ना की की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ द्वारा आज, 21 फरवरी 2022 को मामले की दूसरी खण्डपीठ के समक्ष सुनवाई का आदेश दिया गया।
बता दें कि सीबीएसई के सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री, सीआइएससी की आइसीएसई और आइसीए, विभिन्न राज्यों की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन मोड में यानि परीक्षा केंद्र पर किया जाना है। स्टूडेंट्स और पैरेंट्स इन परीक्षाओं का ऑफलाइन मोड में आयोजन का विरोध कर रहे हैं।
छात्रों और पैरेट्स का कहना है कि जब महामारी के चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में पूरी की जा रही है तो परीक्षाओं का आयोजन भी ऑफलाइन मोड क्यों हो रहा है। ऐसे में 15 राज्यों के छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है, जिसमें छात्रों ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई है कि सीबीएसई, सीआइएससीई समेत राज्यों के बोर्ड को निर्देश दें कि एग्जाम ऑफलाइन मोड में न हो और ईवैल्यूएशन इंटर्नल एसेसमेंट के आधार पर हो। इस मांग के पीछे एक कारण यह भी है कि कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाती थीं, इसलिए परीक्षा भी उसी पैटर्न पर आयोजित की जाएगी।