कोरोना के नए रूप Omicron BA.2 को लेकर दुनिया में बढ़ती चिंता के बीच नैशनल आईएमए कोविड टास्क फोर्स (covid task force) के को-चेयरमैन डॉ. राजीव जयदेवन (Dr. Rajeev Jayadevan) का एक अहम बयान आया है. उन्होंने कहा है कि ओमिक्रोन BA.2 अपने पिछले वैरिएंट से ज्यादा तेजी से तो फैलता है, लेकिन ये उन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम नहीं है, जिन्हें ओमिक्रोन की लहर के दौरान पहले से ही कोरोना हो चुका है. उन्होंने ये बात ऐसे समय कही है जब कुछ वैज्ञानिक इसे डेल्टा से भी ज्यादा घातक और बेहद तेजी से फैलने वाला वायरस बता रहे हैं.
डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि ओमिक्रोन बीए.2 कोई नया वायरस या स्ट्रेन नहीं है. यह बीए.1 की वंशावली में अगला किरदार है. ये बीए.1 के मुकाबले ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है. लेकिन इसकी वजह से कोरोना की अगली लहर आने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि अब तक ओमिक्रोन की चपेट में आ चुके लोगों को इससे ज्यादा खतरा नहीं है क्योंकि उन पर असर करने की क्षमता इसमें नहीं दिखी है.
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उन्होंने जापान में हैमस्टर्स पर हुई एक रिसर्च का हवाला देते हुए बताया कि omicron BA.2 फेफड़ों को ज्यादा प्रभावित करता है. हवाई अड्डों पर होने वाली कोरोना जांच के नतीजों का विश्वेषण वाली एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका से तुलना की जाए तो एशिया में ओमिक्रोन बीए.2 सबसे ज्यादा फैला हुआ है. इससे पहले आई खबरों में बताया गया था कि ओमिक्रोन के इस नए वैरिएंट के 74 से ज्यादा देशों में मरीज मिल चुके है. हर 5 कोरोना केसों में से एक मरीज इसी वैरिएंट का निकल रहा है.
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इससे पहले, अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ एरिक फेंग (Eric Fang) ने बीए.2 को चिंताजनक बताते हुए WHO से इसकी निगरानी का स्तर बढ़ाने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि Omicron BA.2 डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले तीन गुना तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता है.