दुनिया में इस वक्त सबसे बड़ी चर्चा यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले की हो रही है। भारत (India) सहित विश्व (World) के तमाम देश (Country) इस युद्ध को टालने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन (President Putin) यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उधर, हमले के भांपते हुए यूक्रेन ने भी दो—दो हाथ करने की तैयारी कर ली है। अपने वतन के लिए कुर्बान होने यूक्रेन की खूबसूरत युवतियों ने हाथों में हथियार थाम लिया है।
यूक्रेन (Ukraine) पर रूसी हमले (Russian Attack) के मंडराते खतरों के बीच वहां की महिलाओं ने हथियार उठा लिए हैं। अलग-अलग पेशे से जुड़ी महिलाएं शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग लेकर देश की रक्षा के लिए सेना में भर्ती हो रही हैं। इन्हें बंदूक चलाने से लेकर फर्स्ट एड और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है। ज्यादातर महिलाएं अपना काम, घर-परिवार और बच्चों को छोड़कर आईं हैं। गंभीर हालात देखते हुए यूक्रेन सरकार ने 20 से लेकर 60 साल तक की महिलाओं को सेना में शामिल करने का निर्णय लिया है। 30 हजार से ज्यादा महिलाएं यूक्रेन की सेना में पहले से शामिल हैं।
31 हजार महिला सैनिक
यूक्रेन की सेना में 1993 से ही महिलाएं शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने युद्ध के मैदान में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर अपने देश की रक्षा की है। अभी यूक्रेन की सेना में करीब 31 हजार महिला सैनिक हैं। इनमें से 1100 सैन्य अफसर भी हैं। 13 हजार से अधिक महिला युद्ध क्षेत्रों में तैनात हैं। यूक्रेन के सैन्य बलों में महिलाओं की हिस्सेदारी 15% है।
‘बाबुश्खा बटालियन’ भी तैयार
अपने देश की रक्षा के लिए यूक्रेन की बूढ़ी महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। यहां ‘बाबुश्खा बटालियन’ नाम का बूढ़ी महिलाओं का एक संगठन है। इसमें शामिल महिलाएं सेना को युद्ध के समय कई प्रकार से मदद करती हैं। 2014 के क्रीमिया हमले के समय इस समूह की बूढ़ी महिलाओं ने अपने सैनिकों के लिए खंदक खोदे थे। बाबुश्खा की महिलाएं सैन्य आपूर्ती, चिकित्सा सेवाएं और खुफिया तंत्र के लिए भी काम कर रही हैं।