पिछले साल स्कूल 16 जून से शुरू हुए थे और किताबें छापकर जून अंत-जुलाई तक बांटी गई थीं। इस बार सत्र 1 मई से शुरू हो रहा है और नई किताबें(books) छपने तथा इन्हें बांट पाने पर संदेह है।
इसलिए सीजी बोर्ड के कई स्कूलों ने तय किया है कि परीक्षा( exam) होते ही बच्चों से उनकी पुरानी पुस्तकें ले ली जाएंगी। स्कूल खुलेंगे तब इन्हीं पुरानी किताबों (books)को क्लास में आने वाले नए बच्चों में बांट दिया जाएगा ताकि पढ़ाई शुरू की जा सके। जब नई किताबें आएंगी, तब बच्चों को वह भी बांट दी जाएंगी।
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निजी स्कूलों को किताबे लेने जाएं डिपो ( dipo)
पाठ्यपुस्तक निगम से मुफ्त किताबें तीन तरह से बांटी जाती है। कक्षा पहली से आठवीं के लिए स्कूलों में किताबें भेजते हैं। नवमीं -दसवीं की किताबें स्कूल भेजी जाती हैं। निजी स्कूलों को किताबें लेने के लिए खुद डिपो में जाना पड़ता है। इस बार भी इसी फार्मूले से किताबों का वितरण होगा।
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कोर्स में नहीं हुआ बदलाव ( changes)
छत्तीसगढ़ बोर्ड से जुड़े स्कूली पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नही किया गया है। यानी पिछ्ली बार जो चैप्टर थे। वे इस बार भी रहेंगे। नई शिक्षा नीति की वजह से बदलाव नही हुए है। माना जा रहा है कि नई शिक्षा नीति 2023 में लागू होगी और उसी वर्ष स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव होंगे।