नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia-Ukraine War) की आंच आपकी जेब तक भी आएगी. रूस-यूक्रेन तनाव के कारण पिछले कुछ दिनों से कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में इजाफा हो रहा था और गुरूवार को रूस के यूक्रेन पर हमला करते ही क्रूड ऑयल की कीमतें 103 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई. पिछले ढाई महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है.
इन ढाई महीनों में सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल (Petrol- Diesel l Rate) के दाम नहीं बढ़ाएं हैं. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश (UP Election) सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही तेल की कीमतों में इजाफा होने की संभावना प्रबल हो गई है. गौरतलब है कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम 103 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं. इससे पहले 2014 में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर के पार गए थे.
घरेलू तेल कंपनियों ने 3 नवंबर से पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन तब से लेकर अब तक कच्चा तेल 20 डॉलर प्रति बैरल से से भी ज्यादा महंगा हो गया है. जानकारों का कहना है कि अगर रूस यूक्रेन युद्ध लंबा चलता है तो कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं.
ऐसे हालातों में घरेलू तेल कंपनियां (Domestic Oil Companies) डीजल और पेट्रोल के रेट 15 रुपये लीटर तक बढ़ा सकती हैं. यह हो सकता है कि बढ़ोतरी एक साथ न करके दो-तीन चरणों में की जाए. प्राकृतिक गैस की कीमत (Natural Gas Price) भी बढ़ रही है. इसके चलते आने वाले दिनों में LPG और CNG के दाम (LPG Rate) भी 10 से 15 रुपए तक बढ़ सकते हैं, ऐसा माना जा रहा है.
कब बढ़ेंगे दाम
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद तेल कंपनियां दाम बढाएंगी. विधान सभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं. आमतौर देखा गया है कि तेल कंपनियां चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती हैं. दाम बढ़ाने से सरकार को राजनीतिक नुकसान होता है.