Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद भारत का धर्मसंकट बढ़ गया है. इस युद्ध के बाद पनपे नए हालात पर चर्चा करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के घर पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक चल रही है.
पीएम मोदी करेंगे CCS की बैठक
सूत्रों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी यूपी में चुनाव प्रचार से लौट आए हैं. इसके बाद वे रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के हालात पर सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक (CCS) कर रहे हैं. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, तीनों सेनाओं के अध्यक्ष और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी मौजूद हैं.
रूस-यूक्रेन में शुरू हुआ भीषण युद्ध
बताते चलें कि पिछले कई दिनों से पनपे सैन्य तनाव के बाद गुरुवार से रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच भीषण युद्ध शुरू हो गया है. यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूसी सेनाओं ने उसके विभिन्न हिस्सों पर एक साथ हमला शुरू कर दिया है. यूक्रेन का दावा है कि उसने भी पलटवार करते हुए रूस के 7 लड़ाकू जेट मार गिराए हैं और 2 सैनिक जिंदा पकड़ लिए हैं. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी इस मुद्दे पर आज रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात कर सकते हैं.
नाटो देशों ने भी शुरू की जंगी तैयारी
वहीं नाटो देशों ने भी रूस के एक्शन पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. नाटो के महासचिव JENS STOLTENBERG ने मांग की कि रूस को अपने मिलिट्री एक्शन को बंद करके तुरंत यूक्रेन (Russia-Ukraine War) से अपनी सेना वापस बुला लेनी चाहिए. STOLTENBERG ने कहा कि हालात से निपटने के लिए नाटो ने अलायंस देशों में 100 लड़ाकू जेट और 120 शिप्स तैनात किए हैं. रूस के किसी भी आक्रामक व्यवहार का कड़ा जवाब दिया जाएगा. हालात पर चर्चा करने के लिए नाटो देशों के लीडर शुक्रवार को बड़ी बैठक करने जा रहे हैं.
भारत के सामने धर्मसंकट की स्थिति
सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर भारत की रणनीति क्या हो. इस पर भारत के सामने धर्मसंकट की स्थिति बनी हुई है. रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. वहीं हाल के वर्षों में अमेरिका और नाटो देशों के साथ भी भारत के रिश्तों में गर्मजोशी बढ़ी है. ऐसे में भारत के लिए किसी भी एक का पक्ष लेना आसान नहीं है. ऐसे में भारत की सटीक रणनीति बनाने पीएम मोदी कैबिनेट की सुरक्षा कमेटी (CCS) की बड़ी बैठक कर रहे हैं. इस बैठक के नतीजों पर रूस-यूक्रेन समेत दुनिया के तमाम देशों की नजरें टिकी हुई हैं. बैठक के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस मुद्दे पर भारत का रुख क्या रहने वाला है.