रायपुर। प्रदेश के रायगढ़ (Raigarh) जिले के तहसील कार्यालय में मचा बवाल भले ही शांत हो गया हो लेकिन. नायाब तहसीलदार और वकीलों के बीच अब भी गहमागहमी की स्थित बनी हुई है। रायगढ़ के साथ साथ अब रायपुर जिला अधिवक्ता संघ ने इसका विरोध दर्ज कराते हुए न्यायालयीन कार्य और राजस्व न्यायालय के कार्य में एक दिन विरत रहने का निर्णय लिया। आपको बता दें की रायपुर जिला अधिवक्ता संघ ने आधिकारिक रूप से पत्र जारी करते हुए बताया है की 28फरवरी 2022 को जिला अधिवक्ता संघ से सभी सदस्य विरत रहेंगे।
क्या था मामला ?
जिले के तहसील कार्यालय में उस समय बवाल मच गया. जब वकीलों (Lawyers) ने नायाब तहसीलदार की जमकर पिटाई कर दी. साथ ही तहसील कार्यालय में कार्यरत 2 कर्मचारियों को भी वकीलों ने जमकर पिटाई की. पूरा विवाद जमीन नामांतरण को लेकर हुआ. वकीलों ने पहले तहसीलदार पर धक्का-मुक्की और बदसूलीकी करने का आरोप लगाया हैं. नायाब तहसीलदार बीच-बचाव करने आए तो उनकी जमकर पिटाई कर दी. घटना के बाद वकील हड़ताल पर चले गए. वहीं दूसरी ओर घटना के विरोध में तहसील समेत जिले के सभी सरकारी कार्यालय बंद हो गए. इधर पुलिस ने नायाब तहसीलदार को पीटने के आरोप में 3 वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.
जमीन नामांतरण का हुआ पूरा विवाद
दरअसल पूरा विवाद रेलवे बांग्ला पारा में रहने वाले रामू यादव की जमीन के नामांतरण को लेकर हुआ. इस मामले में सिविल कोर्ट में उस जमीन का नामांतरण करने का फैसला दे दिया था. जिसके बाद पूरी प्रक्रिया तहसील कार्यालय में होनी थी. वकीलों का आरोप है कि तहसीलदार सुनील अग्रवाल ने यह कह दिया कि वह नामांतरण नहीं करेंगे यह फैसला गलत है. जिसके बाद से पूरी प्रक्रिया तहसील कार्यालय में अटकी हुई थी.
वकील का आरोप पहले तहसीलदार ने बदसूलीकी और धक्का मुक्का की
इस नामांतरण मामले में शुक्रवार को रामू यादव के वकील जितेंद्र शर्मा इसी बात को लेकर तहसील ऑफिस गए थे. उन्होंने इस मामले में संबंधित जरूरी दस्तावेजों की जांच की और उनको लगा कि तहसीलदार ने गलत डिसीजन लिया है. इस पर वकील जितेंद्र शर्मा ने तहसीलदार सुनील अग्रवाल के सामने आपत्ति जताई. वकील जितेंद्र शर्मा का आरोप है कि जब तहसीलदार से इस मामले में बात करने की कोशिश की और आपत्ति जताई तो तहसीलदार ने उनके साथ बदसलूकी की व उनके साथ धक्का-मुक्की की गई इसके बाद तहसील कार्यालय के रामप्रसाद सिदार और अखिलेश समेत अन्य लोगों ने मारा पीटा है. वकीलों का आरोप है कि हमारे साथ तहसील कार्यालय के लोगों ने मारपीट की इसके बाद हमने अपने बचाव में यह सब किया है.