Ukraine-Russia War : यूक्रेन-रूस(Ukraine-Russia)के इस युद्ध में फंसे भारत (Bharat)के बच्चे दहशत की जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव और सिटी विंशसिया (Ukraine’s capital Kiev and city Vincentia)में दहशत का माहौल बना हुआ है।छात्रों में स्वदेश लौटने की होड़ लगी हुई है। यूक्रेन और रूस के बीच जंग छिड़ी हुयी है। ऐसे में हाल ही में यूक्रेन से छत्तीसगढ़ (Ukraine to Chhattisgarh)लौटे कुछ छात्र से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Chief Minister Bhupesh Baghel) ने बातचीत की उन्होंने वहां के हालात के बारे में बताया और इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के ताजा हालातों के बारे में यूक्रेन में रह रहे उनके दोस्तों के हालात के बारे में भी बताया। यूक्रेन में लगातार बम बारी और गोलीबारी जारी है ,वहां पे न तो किसी तरह कि खाने कि व्यवस्था हो प रही और न ही पानी कि बच्चे तो इतनी दहशत में हैं कि बस वो किसी भी तरह से अपने देश लौटना चाहते हैं। लौटे छात्रों ने ये भी बताया कि वहां से एक-एक कर छात्रों को लाया जा रहा है जिसमें पहले 1st ईयर स्टूडेंट्स को लाया गया है और उसके बाद 2nd ईयर स्टूडेंट्स को लाया जायेगा ऐसे ही एक-एक कर सभी को लाया जायेगा। यह भी बताया की पीने के पानी से लेकर खाने पीने की सारी चीजें खत्म हो जाने से वे दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं।
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यूक्रेन में फंसे बस्तर के 40 छात्र-छात्राएं
यूक्रेन में युद्ध के बीच बस्तर के 40 छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं। इस बीच कुछ बच्चों ने वीडियो जारी कर सरकार से उन्हें निकालने की अपील की है।साथ ही वहां के हालात के बारे में भी बताया है। दहशत का माहौल बीते 3 दिनों से बना हुआ है। इसमें बस्तर जिले के भी लगभग 40 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और अधिकतर छात्र यूक्रेन की राजधानी कीव में नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में हैं। रूस के द्वारा लगातार इस यूनिवर्सिटी के आसपास बम दागे जा रहे हैं और दोनों देशों की सेना के बीच जमकर गोलीबारी भी हो रही है, जिसके चलते दहशत का माहौल इस कदर है कि सायरन बजते ही सभी ये छात्र बंकर के नीचे छिप जाते हैं। फिलहाल हालात काफी खतरनाक हो गये हैं।
फंसे छात्रों के परिजनों में चिंता
वहां के इस हालात की यह जानकारी यूक्रेन में मेडिकल शिक्षा लेने गए जगदलपुर शहर के निवासी शेर सिंह तोमर के बच्चों ने दी।दरअसल दीप्ति और नेहाल पिछले 5 सालों से यूक्रेन के मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं।दोनों बच्चों ने अपने परिजन से हुए बातचीत के दौरान बताया कि कीव में काफी बुरे हालात हैं, डर के साए में उन्हें अपनी जिंदगी बितानी पड़ रही है।पीने के पानी से लेकर खाने पीने की सारी चीजें खत्म हो जाने से वे दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। दहशत का आलम इस कदर है कि वह यूनिवर्सिटी से बाहर भी नहीं निकल रहे हैं और सायरन बजते ही बंकर के नीचे छुप जाते हैं। शेर सिंह तोमर ने बताया कि दीप्ति और नेहाल 2 साल पहले घर आए थे और उसके बाद फोन पर ही उनसे बातचीत होती रही है। वहीं इस तरह के हालात बनने के बाद वहां रह रहे छात्रों के साथ परिजनों में भी काफी डर बना हुआ है। जिसके चलते परिजनों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री से अपने बच्चों के सही सलामत घर वापस पहुंचाने की अपील की है। शेर सिंह तोमर का कहना है कि युद्ध के दूसरे दिन यूनिवर्सिटी के बगल में ही रूस ने मिसाइल दागे जिससे यूनिवर्सिटी को भी क्षति पहुंची है, ऐसे में पल-पल उनके अंदर दहशत का माहौल है। वे दुआएं मांग रहे हैं कि उनके बच्चे जैसे भी सही सलामत घर पहुंच जाए, उनका कहना है कि जैसे-तैसे पैसे जोड़कर अपने बच्चों को बेहतर मेडिकल शिक्षा देने के लिए उन्होंने यूक्रेन भेजा था। और अब परिजनों का कहना है की उनके बच्चे अब किसी तरह भी सही सलामत घर पहुंच जाएं।