रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के उद्योगों को महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) से कोयला दिया जा रहा है। एमसीएल का मुख्यालय ओडिशा के संबलपुर में हैं। इससे वहां से कोयला परिवहन करने से न केवल समय अधिक लग रहा है बल्कि परिवहन लागत भी बढ़ रहा है। इसे देखते हुए राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ने यहां के उद्योगों को बिलासपुर स्थित साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) से कोयला आवंटित करने का आग्रह किया है।
इस संबंध में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग नें कोल इंडिया के जनरल मैनेजर (एस एंड एम) को पत्र लिखा कर जल्द से जल्द निर्णय लेने का आग्रह भी किया गया है। उद्योग विभाग के अफसरों ने बताया कि राज्य सरकार ने कोयले के आवंटन के लिए छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन को एडिशनल राज्य एजेंसी नामांकित किया है। इस एजेंसी ने भी एसईसीएल से कोयले का आवंटन करने का आग्रह किया है।
वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के लिए छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम को स्टेट एजेेंसी व स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन को एडीशनल स्टेट एजेंसी नामांकित किया गया है। विभाग ने राज्य के उद्योगों के लिए एक लाख टन कोयला प्रतिवर्ष आवंटित करने की अनुशंसा कोल इंडिया से की है। अफसरों ने बताया कि स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन को कोल आवंटन के लिए कुछ शर्तों के साथ स्टेट एजेंसी नामंाकित किया गया है।
समय पर जानकारी नहीं देने वाले जनसूचना अधिकारियों पर जुर्माना
छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने के पांच प्रकरणों में तीन जनसूचना अधिकारी पर पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये जुर्माना किया है। वहीं दो जनसूचना अधिकारी को 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना की राशि संबंधित से वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
आयोग ने जिन जन सूचना अधकारियों पर जुर्माने की कार्यवाही की है, उनमें बिलासपुर के जोन क्रमांक पांच के तत्कालीन जनसूचना अधिकारी हेमंत शर्मा, अजाक थाना रायपुर के तत्कालीन जनसूचना अधिकारी अजय सिंह बैस और पुलिस मुख्यालय की जनसूचना अधिकारी उषा नेताम शामिल हैं। इनके साथ ही ग्राम पंचायत मरकाडांड, जनपद पंचायत राजपुर के तत्कालीन जनसूचना अधिकारी और मस्तूरी के ग्राम पंचायत कोसमडीह नंदेश करियारे शामिल हैं।