छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बहुचर्चित झीरम घाटी में हुए कांग्रेस नेताओं के नरसंहार को लेकर बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने एनआईए की अपील को खारिज कर दिया है। अब इस हत्याकांड की जांच राज्य सरकार जांच कर सकती है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बड़ा झटका लगा है। जस्टिस आरसीएस सामंत और जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अपील को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद अब राज्य सरकार झीरम घाटी हत्याकांड के राजनीतिक षडयंत्रों की जांच कर सकती है। प्रदेश में कांग्रेस के सरकार बनने के बाद झीरम घाटी हत्याकांड में दिवंगत हुए उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने दरभा थाने में साल 2020 में हत्या और षडयंत्र का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था।
अब राज्य पुलिस करेगी जांच
पुलिस में दर्ज इस आपराधिक प्रकरण को एनआईए ने जगदलपुर की विशेष अदालत में चुनौती दी थी और केस को एनआईए को सौंपने की मांग भी की थी, लेकिन विशेष अदालत ने आवेदन को खारिज कर दिया। इस फैसले के खिलाफ एनआईए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान ही हाईकोर्ट ने इस प्रकरण की जांच पर रोक लगा दी थी, तब से मामले की सुनवाई लंबित थी और राज्य सरकार जांच शुरू नहीं कर पाई थी। बुधवार को डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाते हुए एनआईए की अपील को खारिज कर दिया है, जिसके बाद अब राज्य पुलिस मामले की जांच कर पाएगी।