शुक्रवार को गरियाबंद जिला मुख्यालय को केंद्र से खुशखबरी मिली जिससे यहां के खेलप्रेमियों में हर्ष व्याप्त है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रस्ताव को भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा मंजूरी दी गई है। छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया स्कीम के तहत सात खेलो इंडिया केन्द्रों की स्थापना की मंजूरी दी गई है। ये सातों केन्द्र अलग-अलग जिलों में एक-एक खेल के लिए खोले जाएंगे।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने प्रदेश के 6 जिलों में खेलों की ट्रेनिंग सेंटरों को मंजूरी दी है, जिसमें गरियाबंद जिला भी शामिल है, जहां वॉलीबॉल ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में सात खेलो इंडिया केन्द्र की मंजूरी मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का अच्छा मौका मिलेगा। आने वाले समय में ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना को साकार करने में एक और सार्थक कदम सिद्ध हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर खेल संचालनालय ने विभिन्न खेलों की खेलो इण्डिया सेंटर प्रारंभ करने का प्रस्ताव भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजा था,
केंद्रीय युवा एवं खेल विभाग ने खेलो इंडिया के तहत छतीसगढ़ के 6 जिलों में स्पोट्र्स ट्रेनिंग सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रालय व साई के डायरेक्टर एमएस वरूघेसे ने युवा सर्विसेस एंड स्पोर्ट्स छतीसगढ़ के डायरेक्टर को पत्र जारी कर स्वीकृत सेंटरों की जानकारी दी।
80 के दशक से गरियाबंद में वालीबाल क्लब चल रहा है, छत्तीसगढ़ में गरियाबंद ज़िला वॉलीबॉल गेम में अधिक बच्चों को नेशनल खिलाडी देने के लिए भी जाना जाता है। गरियाबंद की होनहार खिलाड़ी और ज़िले का नाम रोसन करने वाली ज्योतिबाला भौतेकर कई नेशनल और इंडिया कैम्प के लिए भी चयनित हुईं। सचिन गुमास्ता छत्तिशगढ पुलिस टीम के कप्तान रहे वही उन्हें अर्जुन पुरस्कार से वे समांनित भी किए गए है । कई ऐसे नामचीन चेहरे अविभाजित मप्र में, जिन्होंने ने इस खेल में अपना नाम रोशन किया वॉलीबॉल में गरियाबंद का लोहा मनवाया था 1983 में अय्यूब मेमन ने सबसे पहले इस छोटे से गाँव से निकल कर वालीबाल में नेशनल खेल कर गरियाबंद का नाम बड़े शहरों में दर्ज करवाया था । इसके बाद 90 के दशक में विकास रोहरा और हरमेश चावड़ा ने जम्मू काशमीर में नेशनल खेल कर गरियाबंद का नाम ऊँचा किया था। इमरान मेमन टिंकु ठाकुर अंशु धुर्व नीलम उईके निशा भौतेकर चिनु ठाकुर अरबाज़ खान वैभव ठक्कर दीपक सिन्हा हेमशिखर धुर्व रोयन कृष्णा ठाकुर जैसे अनगिनत वालीबाल के खिलाड़ी जिन्होंने नेशनल खेल कर ज़िले का नाम रौशन किया है , संसाधनों की कमी के बीच आज भी 7वीं, 8वीं पीढ़ी के यूवाँ वालीबाल में अपना जौहर दिखा रहे है ट्रेनिंग सेंटर की मंजूरी मिलने के बाद खिलाड़ियों ने हर्ष व्यक्त किया है ..