रायपुर। प्रोफेसर कालोनी सेक्टर 1 में आयोजित भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर पीठ परिषद के प्रदेशाध्यक्ष कथा व्यास पं. झम्मन प्रसाद शास्त्री ने श्रोता समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत के प्रथम श्रोता महाराज परीक्षित थे, जिसका अर्थ है जो अपने आत्मपरीक्षण में समय लगाए वही परीक्षित है। जीवन जीविका के लिए नहीं अपितु जीवनधन जगदीश्वर के लिए होता है। अश्वत्थामा के ब्रह्मास्त्र से पांडवो के सभी पुत्र मारे गए किंतु उत्तरा के गर्भ में पलने वाला बालक उनके तपोबल से सुरक्षित बच गया, उसी के फलस्वरूप आज हम सब भागवत कथा का श्रवण लाभ कर पा रहे हैं। भीष्मगीता के नाम से प्रसिद्ध भीष्म के द्वारा महाराज युधिष्ठिर को जो उपदेश दिया गया वह सम्पूर्णराजधर्म का सार है जिसका पालन एवं क्रियान्वयन करके हम अपने राष्ट्र की रक्षा ही नहीं सम्पूर्ण विश्व की रक्षा शासक कर सकते हैं। सृष्टि के प्रयोजन का उल्लेख करते हुए कहा कि महाराज मनु हमारे प्रथम पूर्वज हैं उनसे जो सृष्टि चली वे मनुष्य कहलाए। चाहे किसी भी पन्थ या संप्रदाय के हों हम सबके पूर्वज मनु सिद्ध होते हैं अतः सृष्टि के मूल में सम्पूर्ण पृथ्वी के निवासी एक परिवार के हैं तथापि सभी का मार्ग भिन्न- भिन्न है। जैसे दिल्ली पहुंचने के लिए अनेक मार्ग है, कोई रेल, वायुयान ,बस आदि से यात्रा करता है किन्तु गन्तव्य सबका एक होता है। कर्दम देवहूति संवाद की चर्चा करते हुए महाराज श्री ने कहा कि देवहूति तपस्विनी थी।भक्ति सम्पन्न मातृशक्ति भगवान को अपने गर्भ से अवतरित कर सकती हैं। कपिल का अवतार देवहूति से हुआ जिन्होंने सांख्य शास्त्र का उपदेश दिया। छ: दर्शनों में से , एक दर्शन सांख्य है। महाराजा दक्षप्रजापति एवं सती प्रसंग का भी विस्तार से वर्णन किया गया। कथा पारायण पं. श्री पूर्णानन्द चौबे , पं. गीता दुबे ने वैदिक विधिविधान से वेदी में प्रमुख यजमान डॉ. तोयनिधि वैष्णव से संपन्न कराया। इस अवसर पर अनेक श्रद्धालु भक्त वैष्णव परिवार के सदस्य, पीठपरिषद् , आदित्यवाहिनी, आनन्दवाहिनी के सदस्य समुपस्थित रहे। प्रोफेसर कालोनी सेक्टर एक में आयोजित कथा दि. 10-3-2022 तक शाम 3.00 से 6.00 आयोजित होगी।