Raipur News : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला(State Congress Communication Department President Sushil Anand Shukla) ने कहा है कि बेरोजगारी दर में भारी गिरावट और राष्ट्रीय औसत दर से काफी नीचे होने के साथ ही छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर (Malnutrition rate in Chhattisgarh)राष्ट्रीय औसत तथा ढेर सारे राज्यों के मुकाबले कम होना कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel Govt.)के नवा छत्तीसगढ़ की एक नई उपलब्धि है जो निराधार आरोप लगाने वाली भाजपा के मुंह पर करारा तमाचा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान (Chief Minister Nutrition Campaign)को बड़ी सफलता मिलना इसका प्रमाण है कि कांग्रेस सरकार किसानों, मजदूरों, युवाओं के साथ ही गरीब महिलाओं तथा बच्चों के हित में लगातार बेहतर काम कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य में बच्चों के कुपोषण स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। प्रदेश में एक लाख 70 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त मुक्त हुए हैं। छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत से भी कम है। बच्चों के कुपोषण की दर 30.13 प्रतिशत से घटकर अब 19.86 प्रतिशत रह गई है। कुपोषण दर में लगभग 10.27 प्रतिशत की कमी कांग्रेस सरकार की एक और उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर 2019 से शुरू हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के चलते एक लाख 70 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हुए हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राष्ट्रीय सर्वे एजेंसी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के आंकड़ों के अनुसार भी छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर में कमी आई है। कुपोषण का राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ में कुपोषण 31.3 प्रतिशत है। राष्ट्रीय सर्वे एजेंसी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 वर्ष 2015-16 के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर 37.7 प्रतिशत थी, जबकि उस समय राष्ट्रीय औसत दर 35.8 प्रतिशत थी। एनएफएचएस-5 के सर्वे रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ राज्य में कुपोषण की दर में 6.4 प्रतिशत गिरावट आई है और यह दर मात्र 31.3 रह गई है। राष्ट्रीय सर्वे एजेंसी नेशनल फैमिली हेल्थ के रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है कि छत्तीसगढ़ राज्य में बच्चों के पोषण स्तर पर ध्यान देने के बहुत सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। छत्तीसगढ़ में बच्चों में कुपोषण का स्तर गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, झारखण्ड, बिहार आदि राज्यों से कम है। भाजपा यह आंकड़े देख ले और अपने शासित राज्यों में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू करे, ताकि कुपोषण की स्थिति में सुधार आये।