गरियाबंद। छग के महुए की महक इस बार 7 समुंदर पार विदेशों तक जाएगी। ब्रिटेन की एक कंपनी का 750 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ खरीदने का ऑर्डर छग सरकार को मिला है। लघु वनोपज संघ ऑर्डर को पूरा करने की तैयारी में जुट गया है।
महुआ छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाली लघुवनोपजो में से एक है। जिसे हरा सोना कहा जाता है। अब इसकी महक लंदन तक पहुंचने वाली है। लघु वनोपज संघ के मुताबिक वहाँ की एक कंपनी ने 750 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ खरीदी का ऑर्डर किया है। इसके अलावा गोवा से भी ऑर्डर आया है। संघ को अबतक कुल 1150 क्विंटल का ऑर्डर मिल चुका है। संघ ने इस साल 2 हजार क्विंटल फूड ग्रेड महुआ के संग्रहण का लक्ष्य रखा है। संग्रहनकर्ताओ को भी इसका ज्यादा रेट देने की जानकारी अधिकारियों ने दी है।
अधिकारियों ने 2 हजार क्विंटल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 10 वनमंडलो का चयन किया है। जिसमे धरमजयगढ़, कटघोरा, कोरबा, केशकाल, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कोरिया, मनेंद्रगढ़ के अलावा गरियाबंद वनमण्डल भी इसमें शामिल है। सभी वनमण्डलो को 200 क्विंटल महुआ खरीदी का लक्ष्य दिया गया है। गरियवंद लघु वनोपज संघ ने लक्ष्य को हासिल करने के लिए देवभोग के फरसरा गांव को चुना है। गरियाबंद उप प्रबंध संचालक अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि इसके लिए संघ ने गांव के 500 महुआ पेड़ो को चिन्हाकित किया है। गांव के 100 किसान इससे लाभांवित होंगे। अधिकारियों ने आने वाले सालों में गांवो की संख्या बढ़ाने का दावा भी किया है।
चिन्हांकित वनमण्डलों से महुआ को नई तकनीक से संग्रहण किया जाएगा। इस दौरान शुद्धता एव सफाई का विशेष ख्याल रखा जाएगा। किसानों को नई तकनीक समझाने के लिए विभाग द्वारा फरसरा में तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। हितग्राहियो को उम्मीद है कि अब उन्हें अपनी फसल की पहले से ज्यादा कीमत मिलेगी। मनेन्द्रगढ़ से आए लाल सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण से उन्हें फायदा होगा। कुछ ऐसा ही फरसरा की कुमारी ध्रुव ने बताया। उन्होंने बताया कि नई तकनीक से महुआ संग्रहण करना उनके लिए आसान और लाभदायक होगा। उन्हें अपनी उपज का वाजिब दाम भी मिलेगा।
देवभोग के फरसरा में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 10 वनमण्डल के 150 से अधिक समूह और किसान हिस्सा ले रहे है। लघुवनोपज संघ के अपर प्रधान मूख्य वन सरंक्षक बी आंनद बाबू, गरियाबंद के उप प्रबंध संचालक अतुल श्रीवास्तव, सीनियर एक्जीकेटिव अनुराधा स्वर्णकार, सांइटिस्ट कल्याणी शर्मा प्रशिक्षण देने के लिए पहुंचे हुए है। महुआ संग्रहण से जुड़े समूहों एव किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से संग्रहण करना सिखाया जा रहा है।
प्रशिक्षण में समझाया गया कि संग्रहण के दौरान महुआ पेड़ के नीचे नेट बांध दिया जाएगा। ताकि महुआ फूल पेड़ से टूटने के बाद जमीन की बजाय नेट पर गिरे। इससे फूल धूल रहित स्वच्छ होगा। इसके अलावा नेट से महुआ फूल एकत्रित करने के दौरान सम्बंधित को हाथों में ग्लब्ज पहनने होंगे जो लघु वनोपज संघ द्वारा मुहैया कराए जाएंगे। इसके अलावा टोकरी में झिल्ली लगानी होगी। मतलब संग्रहनकर्ताओ को समझाया गया कि संग्रहण के दौरान स्वच्छता एव सफाई का विशेष ख्याल रखना होगा।
सरकार प्रदेश के किसानों की खुशहाली और उनकी आय दुगनी करने के लिए प्रयासरत है। ऐसे में प्रदेश के महुए का एक्सपोर्ट होना और किसानों को पहले से ज्यादा कीमत मिलना, इस दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम कहा जा सकता है।