श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस में पंडित झम्मन शास्त्री ने नई सरकार के कामों की चर्चा की उन्होंने कहा कि नई सरकार घोषणाओं को अमल में ला रही है किसानों का कर्जा माफ कर उनके खातों में पैसा वापस कर रही है लेकिन शराबबंदी पर सरकार की मंशा अब तक स्पष्ट नहीं हुई है एक जमाना था जब शराबियों को 25 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता था लेकिन अब तो गली के मोहल्ले में शराब की दुकानें खुल गई है सरकार को घोषणा अनुसार शराबबंदी को भी कर्जा माफ की तरह अमल में लाना चाहिए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने सनातन धर्म के अनुयायियों को लड़ाया और आज आरक्षण की त्रासदी लोग झेल रहे हैं पंडित शास्त्री जी ने कहा कि राजनीति का यह कतई मतलब नहीं कि आप आराम से राज करें और जनता दुख तकलीफ में जीवन गुजारे राजनीति में यदि व्यक्ति को बढ़ना है तो भगवान कृष्ण से सीख लेना चाहिए सर्व हित की बात करने वाला ही असली राजनीतिज्ञ होता है आज की राजनीति पर पंडित शास्त्री जी ने कहा कि राज तभी सफल है जब प्रजा संतुष्ट हो आज के समय में देश की सुरक्षा के लिए सेना पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं । जब की श्री राम की सेना में शामिल लोगों ने भावनात्मक रूप से देश और भगवान से जुड़कर कम खर्च में ही लंका पर विजय हासिल कर ली संस्कार और वचनों के क्रियान्वयन को सीखना हो तो महाराज दशरथ से सीखा जा सकता है जिन्होंने राजा जनक द्वारा भेजे गए दहेज को उस युग में भी गलत मान कर नहीं लिया आज भी मणि पर्वत के रूप में प्रसिद्ध है।
सोने के समय भगवान याद नहीं आएंगे पर मोबाइल नहीं भूलेंगे उन्होंने कहा कि पिछले जन्म से ही 16108 कन्याओं को पति के रूप में भगवान मिल गए ।
भागवत कथा से आत्म बल में बढ़ोतरी होती है कार्यक्षमता श्रेष्ठ होती है और आज का समय ऐसा है कि 24 घंटे लोगों का ध्यान रखने वाले भगवान को लोग 1 मिनट भी याद करना जरूरी नहीं समझते सोने से पहले यदि मोबाइल को छोड़कर भगवान को पकड़ लेंगे तो नींद भी अच्छी आएगी बुरे सपने भी परेशान नहीं करेंगे भगवान को तुलसीदल चढ़ाने मैं भी लोग कतराते हैं। यही कारण है कि उनके बच्चे दूध मक्खन रबड़ी का स्वाद नहीं जानते बल्कि पास्ता चौमिन और जंक फूड में शरीर का नाश कर रहे हैं षष्ठम दिवस की कथा में श्री शास्त्री जी महाराज ने रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया उन्होंने कहा कि पेड़ों के बगैर जीवन की कल्पना संभव नहीं है विदेशों में नदी और पेड़ पौधे को केवल उपयोग की वस्तुओं मानी जाती है भारत एक ऐसा देश है जहां नदियों और पैड़ो की पूजा होती है देश में हो रहे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई यदि नहीं रुकी तो जीवन असंभव है हजारों साल पहले ही यह पता चला कि मानव जाति का अस्तित्व तब तक है जब तक नदियां पेड़ और गौमाता बचे रहेंगे कोई भी त्यौहार हो यदि एक पेड़ रोपने का मन बना लिया जाए तो 135 करोड़ की आबादी वाले देश में हर साल कई अरब पौधे लगाए जा सकते हैं पंडित शास्त्री जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने हमें प्रकृति से प्रेम करना सिखाया प्रकृति की पूजा भी अनिवार्य है सनातन धर्म के पांव में बिना प्रकृति के कोई भी अनुष्ठान संपन्न नहीं होता रासलीला को ही ले लो यह लीला वह लोग की लीला है व्यक्ति को कोशिश करनी चाहिए की अहंकार का अंश मात्र भी उनके अंदर मौजूद ना रहे इसी तरह आडंबर से भी बचने की कोशिश करनी चाहिए लोग आराधना पूजा और उपासना से दूर होते हैं होते जा रहे हैं इसे बढ़ाने की जरूरत है तब जाकर पृथ्वी पर मनुष्य आगामी हजार वर्ष तक स्वस्थ और संपन्न रहेगा कथा से सनातन धर्म का होगा उत्थान उन्होंने कहा कि भागवत कथा और राम कथा की परंपरा साल भर चलती रहे इसी के बहाने लोग 365 दिन यानी साल भर भगवान से जुड़े रहेंगे साथ ही सनातन धर्म का उत्थान होगा बाल लीला रासलीला के आनंद के साथ हमें यह भी समझना है कि शिशुपाल और कंस का वध किन परिस्थितियों में हुआ हमें अति वाचालता दमनकारी हथकंडो से हाथ खींचना चाहिए भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मणी की पूजा अर्चना डॉ तोयनिधि वैष्णव एवं उनके परिवार के द्वारा की गई तथा राजधानी रायपुर प्रोफेसर कॉलोनी में आयोजित अपने पूर्वज के कल्याण के लिए वैष्णव परिवार के द्वारा श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ में सैकड़ों की संख्या में भक्तजन पधारें और पधार रहे है जहां पर हिंदू राष्ट्र संघ हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी के माध्यम से पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य भगवान द्वारा उद्घोषक भारत जल्द से जल्द हिंदू राष्ट्र घोषित हो इस उद्देश्य से नित्य हर हिंदू घरों में हनुमान चालीसा का नित्य पाठ हो यह प्रकल्प चल रहा है । प्रकल्प से भागवत कथा के दौरान आरती के पूर्व नित्य की भांति सैकड़ों की संख्या में भक्तों के द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ श्री शास्त्री जी महाराज के द्वारा कराया गया और महा आरती की गई
श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस में पंडित झम्मन शास्त्री ने बताया रुक्मणी विवाह का प्रसंग
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