“लोगों को ब्याज के चक्रव्यूह में फंसाने वाले सूदखोरों पर आम आदमी पार्टी की नजर।”
जगदलपुर ऑफिस डेस्क :- लोगों को ब्याज के चक्रव्यूह में फंसाने वाले सूदखोरों पर आम आदमी पार्टी की नजर हैं, ब्याज की रकम के विवाद की बात सामने आने के बाद पुलिस ने सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
ब्याज पर रुपये देने और कर्जदारों को धमकाने वालों की लिस्ट आम आदमी पार्टी अपने स्तर पर तैयार कर रही हैं, आम आदमी पार्टी सूदखोरों को जेल भेजवाने की तैयारी कर रही है।
“कैसे चलता है सूद का धंधा।”
सामान्य रूप से सूदखोरी के धंधे में दबंग लोग और उनके रिश्तेदार शामिल हैं, रुपये दो ढंग से ब्याज पर दिए जाते हैं, पहले ढंग में छोटे व्यापारियों को 20 से 50 हजार रुपये 3 से 5 फीसदी प्रतिमाह के ब्याज पर दिए जाते हैं, सूदखोर ब्याज की रकम हर दिन वसूलते हैं।
जो व्यक्ति एक दिन का ब्याज का भुगतान नहीं कर पाता है, उससे अगले दिन दोगुना पैसा देना पड़ता है, जबकि मूल व्यापारी पर बकाया रहता है, मूल रकम एग्रीमेंट में तय समय के बाद देना होता है, यदि व्यापारी मूल नहीं दे पाता है तो ब्याज की दर में इजाफा कर दिया जाता है।
दूसरे ढंग में सूदखोर बड़े व्यापारियों को पैसा देते हैं, बड़े व्यापारियों को एक लाख से लेकर 20 लाख रुपये की रकम दो फीसदी प्रतिमाह ब्याज पर दी जाती है, इसे वापस करने के लिए थोड़ा ज्यादा समय व्यापारी को दिया जाता है, सूदखोर अपना धन सुरक्षित रखने अक्सर कर्ज लेने वाले की प्रॉपर्टी के कागज गिरवी रख लेते हैं, यही नहीं ब्याज और मूल की रकम मिलाकर टोटल रकम का बैंक चेक भी वे एडवांस में लेते हैं।
“कैसे करते हैं उगाही।”
सूदखोर खुद तो दबंग होते ही हैं साथ ही बदमाश किस्म के लोगों को भी अपने साथ रखते हैं, जो व्यक्ति ब्याज और मूल नहीं दे पाते हैं, उनकी प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लिया जाता है, कई बार घर में घुसकर परिजनों के सामने बदमाश कर्जदार को धमकाते हैं।
“जगदलपुर शहर फलफूल रहा है धंधा।”
यूं तो शहर के कई स्थानों पर सूदखोरी का धंधा खूब फलफूल रहा है, सबसे ज्यादा सूदखोर छोटी बस्ती, कालीपुर, गंगामुंडा, मेन रोड, पथरागुरा, पनारापारा, नयामुंडा, कुम्हारपारा और भी लिस्ट हैं, जिसमे बड़े व्यापारी और कर्मचारी लोग सूदखोरी में सक्रिय हैं।
“पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं।”
सूदखोरी के विवाद में लड़ाई हो चुका हैं रुपया देना कानून जुर्म है, कई लोग ब्याज के चक्रव्यूह में फंसकर बर्बाद भी हुए हैं, ऐसी घटनाएं दोबारा न हों इसके लिए थानेदारों को निदेर्श दिए गए हैं, वे अपने-अपने क्षेत्र में सूदखोरों की लिस्ट तैयार करें, इसके बाद उनके विरुद्ध मामला दर्ज कर जेल भेजा जाए।