Chhattisgarh News : भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel Govt.)द्वारा प्रस्तुत चौथे बजट (fourth budget)की प्रशंसा करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा (State Congress spokesperson Surendra Verma)ने कहा है कि सुशासन और समृद्धि के लिए संकल्पित भूपेश सरकार ने सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत आर्थिक क्षेत्र और रोजगार के लिए 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा के लिए बजट के 23 प्रतिशत का प्रावधान किया है। भूपेश सरकार(Bhupesh Sarkar) के वित्तीय अनुशासन और बेहतर प्रबंधन का ही परिणाम है कि इस बजट में 701 करोड़ का राजस्व आधिक्य (रेवेन्यू सरप्लस) अनुमानित है। विदित हो कि केंद्रीय बजट (Union Budget)में राजकोषीय घाटा 39.45 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ में राजस्व आधिक्य अनुमानित है। छत्तीसगढ़ में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.6 प्रतिशत अनुमानित है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 0.4 प्रतिशत अधिक है। विगत वर्ष के पूंजीगत व्यय 13839 रुपए के तुलना में इस बजट में 15241 करोड़ का पूंजीगत व्यय अनुमानित है। इस प्रकार पिछले बजट की तुलना में यह राशि 1352 करोड़ अधिक है। छत्तीसगढ़ में सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में ऋण भार मात्र 22 प्रतिशत है जबकि केंद्र और अन्य राज्यों में अपेक्षाकृत बहुत अधिक है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के विकास के लिए उप योजना मद में 33 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति उप मद में 12 प्रतिशत बजट का प्रावधान किया गया है। सामाजिक न्याय (Social justice)की दिशा में पूर्व से चले आ रहे जनकल्याण की योजनाओं (public welfare schemes)को यथावत जारी रखते हुए समृद्धि, विकास और स्वावलंबन की दिशा में नए प्रयास भी शामिल किए गए हैं।
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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते देशभर में बेरोजगारी बढ़ रही है, महंगाई बढ़ रही है, असमानता बढ़ रही है, वही छत्तीसगढ़ में समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आमजन की समृद्धि विगत 3 वर्षों में लगातार बढ़ रही है। जहां एक ओर केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत अनुमानित है, वही छत्तीसगढ़ में राज्य का सकल वित्तीय घाटा केवल 3.3 प्रतिशत है। एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार खाद सब्सिडी, खाद्यान्न सब्सिडी और मनरेगा जैसे जनकल्याणकारी योजनाओं के बजट में निरंतर कटौती कर रही है वहीं छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का फोकस आमजन की समृद्धि, विकास और सुशासन पर है। कर्मचारियों के हित में लिए गए फैसले “पुरानी पेंशन योजना“ की बहाली ऐतिहासिक निर्णय है। स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाना विधायक निधि की राशि में बढ़ोतरी प्रशंसनीय है। यह बजट शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुपोषण और जनकल्याण को समर्पित है।