अभी देश में पांच राज्यों का चुनाव (Election) संपन्न हुआ है, नतीजे सामने आए हैं कि बुरी तरह से परास्त हुए राजनीतिक दल (Political Parties) के आला नेताओं ने अपनी हार का ठीकरा दूसरों के सिर पर फोड़ना शुरु कर दिया है। कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी कर रही है। साल 2022 के नतीजों में बसपा (BSP) को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अजीब और सख्त फरमान जारी कर दिया है।
साल 2007 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई बसपा (BSP) ने यूपी में अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया है। चुनाव प्रचार के समय तक पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापस आने का दंभ भरती रही बसपा (BSP) जब नतीजे आए तब केवल एक सीट ही जीत सकी।
बसपा ने अब करारी हार का ठीकरा मीडिया (Media) पर फोड़ दिया है। बसपा प्रमुख मायावती (BSP Supremo Mayawati ) ने मीडिया पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान जातिवादी द्वेषपूर्ण और घृणित रवैया अपनाकर बसपा के मूवमेंट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है, ये किसी से छिपा नहीं है।
1. यूपी विधानसभा आमचुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आक़ाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी।
— Mayawati (@Mayawati) March 12, 2022
दी जाएगी नई जिम्मेदारी
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अपने सभी प्रवक्ताओं के टीवी बहस आदि कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नयी जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता सुधीन्द्र भदौरिया, धर्मवीर चौधरी, डा. एम एच खान, फैजान खान व सीमा कुशवाहा अब टीवी बहसों आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।