Holi 2022 :होली भाईचारे और एकता का त्योहार है(Holi is a festival of brotherhood and unity)। इस दिन सभी को रंगों से खेलने का अवसर मिलता है। होली के अवसर पर सभी लोग खूब रंग खलते हैं और जमकर गुलाल उड़ाते (blowing gulal)हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रंग आपके मूड, मन, शरीर, त्वचा और बालों (mood, mind, body, skin and hair)पर गहरा असर छोड़ जाते हैं। इसके अलावा रंगों में मौजूद हानिकारक तत्वों (harmful substances)से स्वास्थ्य समस्याएं (health problems)हो सकती हैं। जिनमें से अस्थमा का बढ़ना भी शामिल है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। ऐसे में होली के मौके पर यदि अनजाने में अस्थमा से पीड़ित (suffering from asthma)किसी मरीज के मुंह में रंग (color in patient’s mouth)चला जाए तो उसे अस्थमा अटैक (asthma attack)भी आ सकता है। हालांकि कुछ सावधानी बरतते हुए आप होली को हैप्पी और सेफ (happy and safe)बना सकते हैं।
वहीं होलिका दहन की वजह से भी अस्थमा के मरीजों में खतरा और बढ़ जाता है। दरअसल, होलिका दहन के दिन लोग अलाव जलाने के लिए एक साथ जुटते हैं। इसकी वजह से इस दिन बहुत सारा धुआं और राख हवा में उड़ती है। ये छोटे-छोटे धुएं के कण फेफड़ों में जाकर सांस लेना मुश्किल कर देते हैं। इसलिए अस्थमा के मरीजों को होली के दौरान सावधान रहने की जरूरत होती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ बातें बताएंगे जिन्हें ध्यान में रखकर अस्थमा के मरीज भी होली को हैप्पी और सेफ होली बना सकते हैं। तो जानते है आखिर कैसे।
अस्थमा के मरीजों को होली खेलने से पहले रखना है इन बातों का ध्यान
नेचुरल रंगों का करें यूज
होली खेलने के लिए हमेशा केमिकल रंगों के बजाय नेचुरल रंगों का इस्तेमाल करें। हालांकि, इनके प्रयोग से भी अस्थमा का डर बना रहता है। इसलिए होली खेलते समय ध्यान रखें।
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सूखे रंगों से दूरी बनाएं
होली के अवसर पर गुलाल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि ये अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है क्योंकि सूखे रंग में मौजूद कण हवा में काफी समय तक तैरते हैं जोकि आपके फेफड़ों में जा सकते हैं जिससे आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसलिए आप इस बात का ध्यान रखें कि आप पर कोई सूखा रंग ना डाल दें।
आपको अपने बच्चों पर खास ध्यान देने कि जरूरत है
होली के रंग अस्थमा से पीड़ित बच्चों को बहुत जल्दी अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए अगर आपके बच्चे को अस्थमा है तो उसका खास ध्यान रखें। माता-पिता इस बात कि ध्यान रखें कि वो सूखे रंगों के संपर्क में ना आएं।
अस्थमा के मरीज रखें अपने साथ इनहेलर
अस्थमा के मरीजों को होली खेलते समय अपना इनहेलर हमेशा पास रखना चाहिए। ऐसा करने से आपको सिंथेटिक रंगों की वजह से होने वाली बेचैनी से बचने में मदद मिलेगी। हालांकि, ऐसा करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
तुरंत करें डॉक्टर से सपंर्क
यदि होली खेलते समय आपकी सांस फूलने लगे या फिर आपको बेचैनी सा महसूस हो तो ऐसे में घरेलू उपचारों को अपनाने की बजाए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।