नई दिल्ली। पांच राज्यों के नतीजों के बाद भाजपा (BJP) में जहां चारों तरफ खुशियों का माहौल है, रोज दिवाली (Diwali) के पटाखे फूट रहे हैं, और होली (Holi) के रंग उड़ाए जा रहे हैं, तो कांग्रेस (Congress) में सन्नाटा पसरा हुआ है और मंथन शुरु हो गया है। पांच राज्यों के नतीजों के बाद कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (Congress Working Committee) की एक अह्म बैठक भी हुई थी, जिसमें नेतृत्व परिवर्तन की बात हो रही थी, लेकिन बैठक के बाद बदलाव जैसा कुछ भी नहीं हुआ।
वहीं अब कांग्रेस (Congress) आलाकमान सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के निर्देश पर कांग्रेस में बदलाव की बयार बहने लगी है। सोनिया गांधी ने उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh), पंजाब (Punjab), गोवा (Goa), मणिपुर (Manipur) और उत्तराखंड (Uttarakhand) के सभी प्रमुखों को अपने पद से इस्तीफा देने का फरमान जारी कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) देश के पांच राज्यों में चुनाव और उसके आए परिणाम से बेहद नाराज है, यह इस बात का प्रमाण है।
आकलन के लिए नियुक्ति
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने 5 राज्यों में चुनाव के बाद की स्थिति का आकलन करने और अपनी चुनावी हार के बाद संगठनात्मक परिवर्तन का सुझाव देने के लिए 5 सीनियर नेताओं को नियुक्त किया है। जयराम रमेश (Jairam Ramesh) को मणिपुर, अजय माकन (Ajay Makan) को पंजाब में स्थिति का आकलन करने का काम सौंपा गया है। राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल (Rajni Patil) को गोवा के हालात का आकलन करने को कहा गया है। कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद की स्थिति का आकलन करेंगे और बदलाव का सुझाव देंगे, जबकि अविनाश पांडे (Avinash Pandey) को उत्तराखंड में ऐसा करने के लिए कहा गया है।
इससे पहले सोनिया गांधी ने 15 मार्च को अपनी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर इकाइयों के प्रमुखों को अपना इस्तीफा सौंपने को कहा था।