राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में देश की तमाम हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। इसी कड़ी में वाराणसी के 126 वर्षीय स्वामी शिवानंद जब पद्मश्री लेने पहुंचे तो उन्होंने कुछ ऐसा किया कि पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। स्वामी शिवानंद ने राष्ट्रपति भवन में पुरस्कार लेने से पहले तीन बार अपना शीश नवाया। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
दरअसल, वाराणसी के 126 वर्षीय स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवन पद्धति और योग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सोमवार को स्वामी शिवानंद जब पुरस्कार लेने पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दंडवत प्रणाम किया। स्वामी शिवानंद का यह भाव देखकर प्रधानमंत्री मोदी ने भी झुककर प्रणाम किया। इसके बाद स्वामी शिवानंद ने रेड कारपेट और मंच के पास दो बार झुककर रामनाथ कोविंद को भी दंडवत प्रणाम किया।
इसके बाद राष्ट्रपति कोविंद अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए, उन्होंने आगे बढ़कर शिवानंद बाबा को उठाया और पद्मश्री से सम्मानित किया। राष्ट्रपति कोविंद ने मुस्कुराते हुए बाबा से बातचीत भी की। बता दें कि 126 साल की उम्र के शिवानंद बाबा वाराणसी के कबीर नगर इलाके में रहते हैं और 126 साल की उम्र में भी एकदम स्वस्थ हैं। लोग अब उनके बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, लोग यह भी जानना चाहते हैं कि ये बाबा क्या खाते-पीते हैं।
कर चुके हैं दुनिया का भ्रमण
कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि शिवानंद बाबा ने कहा कि उनका जन्म बंगाल के श्रीहट्टी जिले में 8 अगस्त 1896 में हुआ था। भूख के कारण उनके माता-पिता चल बसे थे, तब से लेकर बाबा ने केवल आधा पेट भोजन करने का संकल्प लिया, जिसे वे अब तक निभा रहे हैं। कुछ समय बाद वह बंगाल से काशी पहुंचे और यहीं गुरु ओंकारानंद से शिक्षा ली। 1925 में अपने गुरु के आदेश पर वह दुनिया के भ्रमण पर चले गए थे। करीब 34 साल तक देशविदेश को उन्होंने नाप डाला।
दो साल वृंदावन, 1979 से वाराणसी में
आश्रम में दीक्षा लेने के बाद 1977 में वृंदावन चले गए। दो साल वृंदावन में रहने के बाद 1979 में वाराणसी आ गए। तब से यहीं रह रहे हैं। बाबा कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। एयरपोर्ट पर भी इतनी उम्र में बिना किसी सपोर्ट उन्हें देख लोग हैरान भी होते हैं।
योग और धर्म में गहरी जानकारी
साल 1979 से वह वाराणसी में ही रह रहे हैं और कुछ साल बाद वाराणसी में ही वे योग और स्वस्थ दिनचर्या के लिए लोगो को प्रेरित करने लगे। गरीबों के प्रति उनकी आत्मीय भावना है। काशी के बारे में उनका कहना है कि यह पवित्र भूमि के साथ-साथ तपोभूमि भी है। यहां पर स्वयं भगवान शंकर विराजते हैं, इसलिए उन्हें यहीं अच्छा लगता है। शिवानंद बाबा को योग और धर्म में बहुत गहरी जानकारी हासिल है।
शिवानंद बाबा की दिनचर्या
बाबा प्रतिदिन तड़के तीन बजे उठ जाते हैं और एक घंटे योग का अभ्यास करते हैं। इसके बाद पूजा-पाठ करने के बाद वो अपने दिन की शुरुआत करते हैं। वे मां चंडी और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करते हैं। भोजन को लेकर वे बार-बार कहते हैं कि शुद्ध और शाकाहारी भोजन करने के कारण ही वो पूरी तरह से निरोगी हैं।
क्या खाते हैं, क्या नहीं खाते
शिवानंद बाबा सिर्फ उबला हुआ खाना खाते हैं। उन्होंने खुद बताया कि वह फल और दूध का सेवन नहीं बल्कि सिर्फ उबला हुआ भोजन करते है। वे सिर्फ सेंधा नमक खाते हैं। इस वजह से वो 126 सालों जिंदा और पूरी तरह से स्वस्थ हैं, बाबा भोजन भी संतुलित ही करते हैं। गरीब लोगों को फल और दूध नसीब नहीं होते तो बाबा भी इन्हें ग्रहण नहीं करते।
पद्मश्री मिलने पर बहुत खुश
कुछ सप्ताह पहले जब सरकार ने उनके नाम का ऐलान किया था तो उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया था। शिवानंद बाबा का कहना है कि जीवन में सामान्य तरीके से जीना चाहिए। शाकाहारी भोजन करने की वजह से वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बाबा के वैद्य डॉक्टर एसके अग्रवाल ने बताया कि बाबा सात्विक भोजन करते हैं और पूरी तरह से डिसिप्लिन के साथ जिंदगी जीते हैं। उनके जीवन में योग का बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी भी कर चुकी हैं तारीफ
बाबा की फिटनेस व इस उम्र में कठिन योगाभ्यास करने का हुनर तब ज्यादा चर्चा में आया जब कुछ समय पहले अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने ट्विटर पर उनका वीडियो शेयर कर उनकी सेहत के बारे में सबको बताया। इन्हीं से प्रेरणा पाकर शिल्पा ने योगासन शुरू किए और खानपान में बदलाव किया। उन्होंने लिखा था कि शिवानंद बाबा प्रसन्न और पॉजिटिव रहते हैं।
वैक्सीनेशन के समय भी रहे चर्चा में
शिवानंद बाबा कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं. पिछले दिनों वाराणसी में ही जब वैक्सीन लगवाने बाबा पहुंचे थे तो रजिस्ट्रेशन के लिए उनसे आधार मांगा गया। आधार कार्ड पर उनका जन्म आठ अगस्त 1896 देख सभी चौंक गए थे। उन्हें देखकर मेडिकल स्टाफ भी काफी उत्साहित हुए थे। बाबा ने टीका लगवाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों को आशीर्वाद भी दिया था।