सुकमा में कलेक्टर के खिलाफ फूटा आदिवासियों का गुस्सा, कलेक्ट्रेट में हजारों युवा सुरक्षा घेरा तोडू घुसे, कहा- नहीं सुनते हमारी तकलीफ, इन्हें तुरंत हटाए।
सुकमा ऑफिस डेस्क :- सर्व आदिवासी समाज के द्वारा 22 मार्च सोमवार को 5 हजार से अधिक लोगों के साथ रैली कर कलेक्ट्रोरेट कार्यालय का घेराव कर राज्यपाल के नाम SDM सुकमा को कलेक्टर हो हटाने के साथ अन्य मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
ज्वलंत समस्याओं को लेकर समाजिक पदाधिकारियों के द्वारा 11 मार्च को ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर विनीत नंदनवार से मिलने गए थे, परन्तु कलेक्टर ने मिलने से इंकार कर दिया जिससे समाज में नाराजगी है, इसी वजह से समाज द्वारा एक दिवसीय महारैली व कलेक्टर घेराव कर विभिन मांगो हेतु ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने के साथ ही सर्वसमाज ने अपनी मांगों के सम्बंध में 5 दिन का अल्टीमेटम प्रशासन को दिया है और कहा कि अगर 5 दिनों में मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो इससे भी उग्र आंदोलन होगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
20 सूत्री मांग को लेकर निकाली महारैली के राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, सर्व आदिवासी समाज ने कहा 5 दिन के अंदर कलेक्टर को नहीं हटाने पर करेंगे उग्र आंदोलन।
सर्व आदिवासी समाज ने आज निम्नलिखत मांगों को उग्र प्रदर्शन करते हुए, कलेक्ट्रेट का घेराव किया।
- शासकीय पदों में नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर के माध्यम से लागू किया जाए।
- पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों भर्ती में शत प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए।
- पांचवी अनुसूची क्षेत्र के तीन नगरपंचायत कोंटा, दोरनापाल, सुकमा को पुनः ग्राम पंचायत बनाया जाए।
- सुकमा जिला में हजारों बेकसूर आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर जेल भेजा गया, उन्हें निष्पक्ष रूप से रिहा किया जाए।
- एडसमेटा गोलीकांड 2013 में मारे गए निर्दोष आदि-वासियों के परिवार को मुआवजा व नौकरी दिया जाए।
- तेंदूपत्ता संग्रहण कर्ताओं को नगदं भुगतान कर समय अवधि एक सप्ताह के लिए खरीदी किया जाए।
- सरकार। के शर्तों के अनुसार बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
- जिले में शिक्षा व्यवस्था को देखते हुए बेहतर शिक्षा के लिए जिले के मूल निवासरत लोगों को शिक्षक पात्र/ वैकल्पिक व्यवस्था।
- शिक्षादूत बेरोजगारों को भर्ती किया जाए। जिले में निवासरत मूल निवासियों के आधार पर मिसल रिकॉर्ड के अनुसार शासकीय पदों पर भर्ती लिया जाए।
- जिले में ईसाई मिशनरियों के द्वारा बहला-फुसलाकर आदिवासियों को जबरन धर्मांतरण कराए जा रहें हैं, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई किया जाए।
- वन अधिकार अधिनियम 2006 को पूर्ण रूप से लागू कर समुदायिक अधिकार दिया जाए।
- पेसा अधिनियम 1996 पूर्ण रूप से लागू कर मान्यता दिया जाए।
- सरकारी कार्यलयों में कार्य के एवज में भ्रष्टाचार पर प्रशासन नकेल कसने का प्रयास करें अधीक्षक नियुक्तियों में राजनीतिकरण से मुक्त करें।
- आदिवासी के नाम से फर्जी जाति पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार को हटाने के साथ कई वर्षों से कलेक्टर गिरी करने वाले श्याम सिंह चौहान बबलू चौहान को मूल पदस्थ संस्था पर वापस भेजने के लिए राज्य शासन से अनुरोध करता है।