नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को बीरभूम हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए केंद्र सरकार राज्य की हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं बीरभूम में हुई हिंसक वारदात पर दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं। बीरभूम हत्याकांड के गुनहगारों को माफ नहीं किया जाना चाहिए…
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं बंगाल के लोगों से भी आग्रह करूंगा कि वह ऐसी वारदात को अंजाम देने वालों को कभी माफ न करें। ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ाने वालों को भी माफ नहीं किया जाना चाहिए। मैं केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को भरोसा देता हूं कि अपराधियों को जल्द सजा दिलवाने में जो भी मदद वह चाहेगी उसको मुहैया कराई जाएगी। मैं उम्मीद करता हूं कि राज्य सरकार, बंगाल की महान धरती पर ऐसा जघन्य पाप करने वालों को सजा अवश्य दिलाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे अतीत की विरासतें हमे दिशा देती हैं। ये बेहतर भविष्य गढ़ने के लिए हमें प्रेरित करती हैं। अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान की गाथा हर देशवासी की जुबान पर है। वीरों की ये गाथाएं देश को दिन रात मेहनत करने के लिए प्रेरित करती हैं। उसी एतिहासिक कालखंड की याद में शहीद दिवस पर विक्टोरिया मेमोरियल में बिप्लवी भारत गैलरी का लोकर्पण हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व की यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आपको वह समय भी याद होगा जब देश में आए दिन प्राचीन मंदिरों से मूर्तियां चोरी होने की खबरें आती थीं। विदेशों में हमारी बेशकीमती धरोहरों और कलाकृतियां की बेधड़क स्मगलिंग होती थीं। आज भारत की उन धरोहरों को देश में वापस लाया जा रहा है। साल 2014 से पहले के कई दशकों में केवल दर्जनभर प्रतिमाओं को देश में वापस लाया जा सका था।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। स्वदेश दर्शन जैसी कई योजनाओं के जरिए हेरिटेज पर्यटन को रफ्तार दी जा रही है। मैं देश की युवा पीढ़ी से कहना चाहता हूं कि कभी भी अपनी ताकत और अपने सपनों को कमतर ना आंकियेगा। दुनिया में कोई ऐसा काम नहीं है जिसे हमारे देश के युवा ना कर पाएं… ना तो कोई ऐसा लक्ष्य है जिसे युवा पीढ़ी हासिल ना कर सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के लिए लड़ने वालों की क्षेत्रीयता, भाषाएं, बोलियां अलग अलग थी लेकिन राष्ट्रसेवा की भावना एक थी। देश के वीर सपूतों का यही भाव आज भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। आपकी राजनीतिक सोच भले ही अलग हो आप किसी भी राजनीतिक दल के हों लेकिन देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। यह स्वतंत्रता सेनानियों के साथ विश्वासघात होगा।