विश्व टीबी या तपेदिक दिवस’ (World TB Day) हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है।इसका उद्देश्य टीबी (Tuberculosis) को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसकी रोकथाम करने से है। इसके अलावा, लोगों पर पड़ने वाले इसके खतरनाक प्रभावों, फिर चाहे वो स्वास्थ्य से जुड़े हों या सामाजिक-आर्थिक हों, उनके बारे में जन जागरूकता और समझ को बढ़ाना है.।
यही वजह है कि ‘विश्व टीबी दिवस’ ( world TB days)के मौके पर जागरूकता अभियान ( abhiyaan ) चलाने के साथ ही कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
क्या है वर्ल्ड टीबी डे 2022 की थीम( theme)
इस साल ‘विश्व टीबी दिवस 2022’ की थीम ‘इनवेस्ट टू एंड टीबी. सेव लाइव्स’ (Invest to End TB. Save Lives)’है. इसका शाब्दिक अर्थ टीबी ( TB) को खत्म करने के लिए निवेश करें…जीवन बचाए’ है। इसका मतलब है कि डब्ल्यूएचओ तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों, सहायता, देखभाल( care) र सूचना के तत्काल निवेश का आह्वान करता है।
जानते है इतिहास ( history)
24 मार्च, 1882 को जर्मन फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कॉच (Dr. Robert Koch) ने टीबी के बैक्टीरियम यानी जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्युबरक्लोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) की खोज की थी।उनकी यह खोज आगे चलकर टीबी के निदान और इलाज में बहुत मददगार साबित हुई।इस योगदान के लिए इस जर्मन माइक्रोबायोलॉजिस्ट को 1905 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।
क्या है ट्युबरकुलोसिस या टीबी ( TB)
टीबी को क्षयरोग, तपेदिक या फिर ट्युबरकुलोसिस भी कहते हैं. यह एक गंभीर रूप से होने वाला संक्रामक बैक्टीरियल( bacterial) डिजीज है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है।