छत्तीसगढ़ के औद्योगिक तीर्थ भिलाई में CISF जवान बनकर 9 माह तक ड्यूटी करने वाले शातिर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एक को नौकरी मिली और दूसरा उसके नाम पर नौकरी करता रहा। जब सच्चाई सामने आई तो सीआईएसएफ ने दोषी जवान को गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले किया। वहीं फर्जी तौर पर नौकरी करने वाला फरार था, जो अब पुलिस के हत्थे चढ़ा है। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
उतई पुलिस के पास 25 नवंबर 2021 को शिकायत आई थी। सीआईएसएफ अफसरों ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी रमेश कुमार यादव को पुलिस के हवाले किया था। सीआईएसएफ ने बताया कि रमेश कुमार यादव आरक्षक है। उसने अपने रिश्तेदार शशि यादव के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा किया। रमेश यादव की जगह उसका रिश्तेदार शशि यादव नौकरी कर रहा था। शशि यादव ने रमेश यादव की जगह 29 सितंबर 2021 तक पूरे 9 माह तक नौकरी की। इस बीच रमेश यादव गायब था। रमेश यादव उतई स्थित बटालियन पहुंचा तो शशि यादव वहां से चला गया। इसके बाद रमेश यादव नौकरी करने लगा। अफसरों को इसकी जानकारी 11 माह बाद हुई। सीआईएसएफ ने विभागीय जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
दोनों का चेहरा मिलता-जलुता है
दुर्ग ग्रामीण एएसपी अंनत साहू ने बताया कि रमेश यादव की जगह नौकरी करने वाले फर्जी जवान शशि यादव को पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है। वह यूपी से भिलाई आया, जिसकी सूचना मुखबिर से मिली थी। आरोपी शशि यादव ने पूछताछ में बताया कि वह रमेश का रिश्तेदार हैं। दोनों का चेहरा मिलता-जुलता है। आरोपियों ने इसका फायदा उठाया। रमेश को लंबी छुट्टी पर जाना था, वह अपनी रिश्तेदार को नौकरी करने बुला लिया था। फिलहाल शशि यादव को भी जेल भेज दिया गया है। असली आरक्षक रमेश यादव को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उस पर पुलिस ने धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।