ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। पिछले दो सालों से बंद रही अमरनाथ यात्रा फिर शुरु (Amarnath Yatra resumes) हो रही है। यानी कोरोना महामारी की वजह से बाबा बर्फानी के दर्शन (Baba Barfani’s Darshan) से वंचित रहे श्रद्धालु इस साल उनके दर्शन कर सकते हैं। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने रविवार को यात्रा की तारीखों की ऐलान किया है। बोर्ड के मुताबिक इस साल 30 जून से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होगी, जो 43 दिनों तक चलेगी और परंपरा के अनुसार रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी। लेकिन इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल (corona protocol) का पालन करना होगा। इस यात्रा के लिए अगले महीने से रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू हो सकता है।
जानिये अमरनाथ गुफा के बारे में
श्री अमरनाथ गुफा (Shri Amarnath Yatra) कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में है। बर्फ से लदी पहाड़ों की चोटी पर बनी एक गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है, जिसके दर्शनों के लिए लाखों लोग वहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि वहां भगवान शिव (Lord Shiva) ने माता पार्वती को अमर होने की रहस्यकथा सुनाई थी। 2020 से कोरोना महामारी के प्रकोप की वजह से ये यात्रा स्थगित कर दी गई थी। अब महामारी का असर कम होने की वजह से प्रशासन फिर से यात्रा की अनुमति प्रदान कर दी है। यह यात्रा श्रद्धालुओं के अलावा स्थानीय निवासियों के लिए भी काफी अहम है, क्योंकि इससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है।
बहुत दुर्गम है अमरनाथ यात्रा
देश की सबसे दुर्गम धार्मिक यात्राओं में से एक श्री अमरनाथ यात्रा (Shri Amarnath Yatra) की चढ़ाई 2 रास्तों से की जाती है। एक रास्ता पहलगाम से होकर है, जबकि दूसरा रास्ता बालटाल के जरिए है। इस यात्रा पर केवल वही लोग जा सकते हैं, जिनकी उम्र 16 से 65 साल के बीच हो। यात्रा करने के लिए बोर्ड का परमिट और फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल करना पड़ता है। इस सर्टिफिकेट के बिना यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती। यह यात्रा हमेशा आतंकियों और अलगाववादियों निशाने पर रही है, इस वजह से यात्रा शुरू होने से पहले सेना और सुरक्षा बलों को भी काफी तैयारियां करनी पड़ती है।