कहा:
वन बस्तर की जीविकोपार्जन का मुख्य श्रोत
दंतेवाड़ा/गीदम। आज अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री यूनिस अली ने दंतेवाड़ा डिवीज़न अंतर्गत जिले में लघुवनोपज एवं फॉरेस्ट की विभिन्न योजनाओ का अवलोकन करने एक दिवसीय दौरा किया।
अपने दौरे के प्रथम चरण में अपीसीसीएफ श्री यूनिस अली ने सर्वप्रथम बारसूर समिति अन्तर्गत कासोली, छिंदनार, हिरानार एवं सुदूर इंद्रावती नदी के उस पार के विभिन्न गाँव का दौरा किया एवं आवश्यक निर्देश दिए। उसके बात न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत संग्रहण होने वाले लघुवनोपज संग्रहण केंद्र का दौरा किया।
जिसके अंतर्गत पनेड़ा, मड़से, कटुलनार में इमली संग्रहण का दौरा किया, साथ ही संग्राहकों को उच्चतम गुणवत्ता युक्त लघुवनोपज संग्रहण कर अधिक से अधिक लाभ कमाने प्रोत्साहित किया। दौरे के दौरान डीएफओ दंतेवाड़ा श्री संदीप बलगा, एसडीओ दंतेवाड़ा श्री अशोक कुमार सोनवानी, एसडीओ गीदम श्री साहू सर, रेंजर गीदम, रेंजर दंतेवाड़ा, प्रबंधक एवं वन विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
फ़ूडग्रेड महुआ संग्रहण का बताया लाभ
दंतेवाड़ा प्रवास के अंतिम चरण में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री यूनिस अली ने भोगाम और मासोड़ी पहुँच फ़ूडग्रेड महुवा संग्रहण कर रहे किशानो से मुलाकात की। साथ ही किशानो को फ़ूडग्रेड महुवा संग्रहण के तरीके एवं उसके लाभ को बताया।
विदेशों में भारत से ज्यादा फ़ूडग्रेड महुवे का डिमांड
बस्तर के फ़ूडग्रेड महुवे की डिमांड भारत सहित विदेशों में भी अत्यधिक है। अगले वर्ष भी इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों से फ़ूडग्रेड महुआ की काफ़ी मांग आयी थी और सभी ने बस्तर के महुआ को ही सबसे अच्छी किस्म का माना। साथ ही वन विभाग के लघुवनोपज के उच्चतम संग्रहण को देखते हुवे वन विभाग को हजारों क्विंटल फ़ूडग्रेड महुआ के खरीदी हेतु निवेदन किया है।