हिन्दू धर्म में पूजा स्थल पर शंख रखने की परंपरा है क्योंकि शंख को सनातन धर्म का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि शंख को पूजास्थल ( puja place)में रखने से और इसे बजाने से शत्रुओं का नाश होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। हिन्दू धर्म ( hindu dharm)में शंख का महत्त्व अनादि काल से चला आ रहा है। मान्यता है कि शंख का स्पर्श पाकर जल गंगाजल के समान पवित्र हो जाता है।
Read more : Vastu Tips : आज ही घर की छत पर रखें ये सामान, फिर देखें कैसे कुबेर खोलेंगे धन के भंडार
शंख के प्रकार ( types)
शास्त्रों में शंख के तीन प्रकार का उल्लेख मिलता है-दक्षिणावर्ती , मध्यावर्ती और वामवर्ती। मान्यता है कि श्री विष्णु का शंख मध्यावर्ती है और माता लक्ष्मी( maa lakshmi) का शंख वामावर्ती। मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ( worship ) के समय दक्षिणावर्ती और वामावर्ती शंख का उपयोग किया जाता है।
शंख बजाने के फायदे ( profit)
शंख में जल भरकर ईशान दिशा में रखने से परिवार( family) में परस्पर तालमेल बढ़ता है।
यदि आपका बच्चा( child )पढ़ाई में कमज़ोर( weak) है तो शंख में जल भरकर पिलाने से बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।
घर में शंख बजाने से सात्विक ऊर्जा का संचार होता है और घर में यदि कोई नकारात्मक ऊर्जा ( negative)है तो समाप्त होती है।
जिस घर में वास्तु दोष की वजह से नकारात्मकता( negative) हो उस घर के ईशान कोण के शंख बजाने से वास्तु दोष( vastu dosh) का बुरा प्रभाव खत्म होता है।
घर में शंख बजाने से और इसकी पूजा( puja) करने से मनोकामनाएं( wishes) पूरी होती हैं।