केंद्र सरकार Central government की नीतियों के विरोध में बुलाई गई केंद्रीय श्रमिक Central government संगठनों की देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को कुछ हिस्सों में बैंकिंग सेवाएं एवं सार्वजनिक परिवहन आंशिक रूप से ठप होने से सामान्य जनजीवन पर असर देखा जा रहा है। श्रमिक संगठन एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि लगभग सभी क्षेत्रों के कर्मचारी एवं कामगार इस हड़ताल का हिस्सा बने हैं और ग्रामीण इलाकों में भी इसे खासा समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि अब अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कर्मचारी भी इसमें शामिल हो गए हैं। उन्होंने हड़ताल के पहले दिन 20 करोड़ से अधिक कर्मचारियों की भागीदारी का दावा करते हुए कहा कि दूसरे दिन इस संख्या में और बढ़ोतरी होगी। देश भर के केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने इस देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया हुआ है। यह हड़ताल कर्मचारियों, किसानों एवं आम आदमी के खिलाफ सरकार की कथित गलत नीतियों के विरोध में बुलाई गई है। इसके जरिये श्रमिक संगठनों ने श्रम कानूनों को वापस लेने, निजीकरण की किसी भी योजना को खारिज करने, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन को बंद करने, मनरेगा के तहत आवंटन बढ़ाने और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग प्रमुखता से रखी है।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) All India Bank Employees Association के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन कर्मचारियों के मौजूद नहीं रहने से देश भर में करीब 18,000 करोड़ रुपये मूल्य के 20 लाख चेकों का निस्तारण नहीं हो पाया। भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई) और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) भी इस हड़ताल का हिस्सा है।