Assam-Meghalaya Border dispute: पिछले 50 सालों से चल रहा असम और मेघालय के बीच का सीमा विवाद अब खत्म हो गया है। राजधानी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने इससे जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। मंगलवार को गृह मंत्रालय में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा पहुंचे और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सीमा विवाद से जुड़े समझौते को अंतिम रुप दिया। इस दौरान दोनों राज्यों के प्रमुख सचिव और अन्य अफसर भी मौजूद थे। समझौते के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि दोनों राज्यों के बीच विवाद के 12 बिन्दुओं में से 6 पर सहमति बन गई है और बाकी पर जल्द सहमति बनाई जाएगी।
Today, a 50-year-old pending boundary dispute between Assam and Meghalaya has been resolved. 6 out of 12 points of the dispute has been resolved, which comprises nearly 70% of the boundary. The remaining 6 points will be resolved at the earliest: Union Home Minister Amit Shah pic.twitter.com/c2ZUVjeh6e
— ANI (@ANI) March 29, 2022
आपको बता दें कि असम-मेघालय के बीच कुल 884.9 किलोमीटर का बॉर्डर है जिसमें 12 विवादित क्षेत्र है। इनमें से 6 पर सहमति बन गई है, जो कुल विवादित हिस्से का 70 फीसदी है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने सीमा विवाद को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को जो सिफारिशें सौंपी थीं, उसके मुताबिक कुल 36.79 वर्ग किलोमीटर ज़मीन में से असम अपने पास लगभग आधी यानी 18.51 वर्ग किलोमीटर विवादित भूमि रखेगा और बाकी 18.28 वर्ग किलोमीटर ज़मीन मेघालय को देगा।
Delhi | Assam CM Himanta Biswa Sarma and Meghalaya CM Conrad Sangma sign an agreement to resolve the 50-year-old pending boundary dispute between their states. pic.twitter.com/0ocEKgsuKR
— ANI (@ANI) March 29, 2022
जानकारी के मुताबिक 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री अमित शाह को एक समझौता पत्र विचार के लिए सौंपा था। पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों ने 12 विवादित स्थानों में से छह में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए इसी साल 29 जनवरी को एक अंतर-राज्य सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। तब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ संयुक्त बैठक की थी और तय किया गया कि 29 मार्च को होनेवाली अगली बैठक में इस सीमा विवाद समझौते को अंतिम रूप देने को लेकर फ़ैसला लिया जाएगा। उम्मीद है कि इस समझौते से इस दोनों राज्यों के बीच चली आ रही दशकों पुरानी दुश्मनी और हिंसक झड़पों का अंत हो जाएगा।