रायगढ़। जिले के आदिवासी इलाके में एक ही परिवार के तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोपियों ने धारदार हथियार से हमला कर किया और पत्थर से कुचलकर मार डाला। तीनों कुछ दिन पहले महुआ बीनने के लिए घर से निकले थे और जंगल में ही झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। घटना की सूचना मिलने के बाद एसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी सहित फॉरेंसिक एक्सपर्ट घटना स्थल पहुंचे हैं। घटना कापू थाना क्षेत्र में हुआ है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के अंतिम छोर पर बसे कापू थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत चाल्हा के आश्रित गांव धवईडांड़ में एक ही परिवार के तीन लोगों का शव झोपड़ी में मिले। महुआ बीनने के लिए तीनों जंगल में गए थे और वहीं झोपड़ी बनाकर करीब एक माह से रह रहे थे। मृतकों की पहचान दुहती बाई (60 वर्ष), उसके पुत्र अमृतलाल (30 वर्ष) व नातिन अमृता (15 वर्ष) के रूप में हुई है। हथियार से हमला कर तीनों की पत्थर से कुचलकर हत्या की गई है। हत्यारे ने किशोरी के चेहरे पर ही पत्थर छोड़ रखा था, जबकि उसकी नानी की लाश औंधे मुंह पड़ी हुई थी।
जिले की सीमाओं पर जांच के निर्देश
हत्या की इस वारदात के बाद गांव में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को गांव के लोगों ने जंगल में शव देखा, जिसके बाद पंच-सरपंच व कोटवार को जानकारी दी गई। सूचना पर पहुंची कापू थाना की पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया है। तीन लोगों की हत्या की सूचना पर रायगढ़ एसपी अभिषेक मीणा भी मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम व डाग स्क्वायड की मदद से पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। एसपी अभिषेक मीना ने घटना के बाद जिले के सीमा की सीमाओं में जांच करने के निर्देश दिए हैं। आरोपियों को गिरफ्तार करने टीम भी गठित की गई है।
जंगल के अंदर बसा है चाल्हा गांव
कापू क्षेत्र का ग्राम चाल्हा न सिर्फ दुर्गम और जंगलों से घिरा है बल्कि जंगली, जीवों और हाथी से प्रभावित है। जिला मुख्यालय से कापू क्षेत्र के ग्राम चाल्हा तक पहुंचने में चार घंटे का समय लगता है। चाल्हा गांव में दूर संचार की सुविधा नहीं है। वनांचल ग्राम होने की वजह से पक्की सड़क भी नहीं है। महुआ बीनने जंगल में गई बुजुर्ग महिला, युवक और बच्ची की हत्या आखिर क्यों की गई, इसका जवाब अभी नहीं मिला है। कापू थाना की पुलिस ने मर्ग कायम कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।