नई दिल्ली: राज्यसभा से 72 सांसद रिटायर हो रहे हैं। सेवानिवृत होने वाले (Farewell Of 72 Rajya Sabha MPs) इन सभी सदस्यों को गुरुवार पहले उच्च सदन में विदाई देते हुए पीएम मोदी (PM Narendra Modi), नेता प्रतिपक्ष और दूसरे सदस्यों ने कई सारी बातें कहीं। उसके बाद विदाई समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी , राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) , राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और उप सभापति हरिवंश भी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जिस अंदाज में एक दूसरे से मिले उसकी काफी चर्चा रही। पीएम मोदी से नेता प्रतिपक्ष कुछ कह रहे थे और वहां पास मौजूद सभी सदस्य बड़े ध्यान से इनको देख रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन के भीतर लोकसभा में, राज्यसभा में और बाहर भी मल्लिकार्जुन खड़गे की सार्वजनिक रूप से तारीफ कर चुके हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष जब खड़गे थे तब भी और जब राज्यसभा में वो नेता प्रतिपक्ष हैं तब भी।
मेरे भाषणों का खाद-पानी उनसे ही मिलता है
16 वीं लोकसभा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ की थी। खड़गे उस वक्त लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे से रोज हमारा थोड़ा बहुत रहता था लेकिन मेरे भाषणों को खाद-पानी उनसे ही मिलता है। मेरी विचार चेतना को जगाने में उनकी बातें बहुत काम आती थीं। उसके लिए मैं खड़गे साहब का आभारी हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो इतने वर्षों से जनप्रतिनिधि हैं और इसके बावजूद वे संसद को अपना पूरा समय देते हैं और चर्चा के दौरान संसद में उपलब्ध रहते हैं। खड़गे जी ने जनप्रतिनिधि के नाते मिली जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है और इसके लिए वे खड़गे जी का अभिनंदन करते हैं।
कांग्रेस पर आरोप और खड़गे की तारीफ
मौका था कर्नाटक चुनाव और पीएम मोदी यहां बीजेपी का प्रचार करने पहुंचे। कलबुर्गी में उनकी सभा थी और यहां वो कांग्रेस पर निशाना साधते-साधते मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ करने लगे। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने साल मल्लिकार्जुन खड़गे को साल 2013 में सीएम नहीं बनाकर दलितों को धोखा देने का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस पांच साल पहले खड़गे को मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देकर दलित वोट हासिल किए थे लेकिन चुनाव बाद सिद्धारमैया को सत्ता सौंप दी।
पीएम मोदी ने रिटायर हो रहे सांसदों से की खास अपील
राज्यसभा से मार्च और जुलाई के बीच 72 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए दिए गए अपने विदाई भाषण में उच्च सदन में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी अनुभव की ताकत ज्ञान से ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की तो अपनी सीमाएं होती हैं, वह सम्मेलनों में काम भी आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्त होता है, उसमें जटिल समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से फिर लौटने को कहा और आग्रह किया कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों ने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो वे उसे जरूर कलमबद्ध करें।
कांग्रेस के ए के एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, पी चिदंबरम के अनुभवों का हमें हमेशा लाभ मिला। आज उन्हें विदाई देते हुए ऐसा लग रहा है, मानों मैं बहुत कुछ खो रहा हूं।