आज 1 अप्रैल है और इस दिन को पूरी दुनिया( all over world) में मूर्ख दिवस ( fool day)के तौर पर जाना जाता है. हालांकि ये कम ही लोग जानते होंगे कि एक अप्रैल( april) को ही मूर्ख दिवस( fool day) क्यों मनाया जाता है. तो आइए जानते हैं
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भारत में कब हुई शुरुआत ( start)
भारत में एक अप्रैल ( april)को मूर्ख दिवस मनाने की शुरुआत 19वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा हुई।इसके बाद भारत में भी हर साल इस दिन को मूर्ख दिवस ( fool day)के रूप में मनाया जाने लगा।हालांकि अब सोशल मीडिया( social media) के आने के बाद देश में मूर्ख दिवस की पहचान बढ़ी है।
जानते है इतिहास ( history)
माना जाता है कि साल 1381 में पहली बार एक अप्रैल को मूर्ख दिवस( fool day) मनाया गया था। इसके पीछे एक मजेदार कहानी है। दरअसल इंग्लैंड( england) के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया( bohomiya) की रानी एनी ने सगाई का ऐलान किया और कहा गया कि सगाई 32 मार्च 1381 को होगी।इस ऐलान से आम जनता इतनी खुश हुई कि उसने खुशियां( happiness) मनाना शुरू कर दिया। हालांकि बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वह बेवकूफ बन गए हैं क्योंकि कैलेंडर( calendar) 2 मार्च की तारीख ही नहीं होती।
उदाहरण के तौर पर ( example)
बुद्धिमान और मूर्ख के बीच अंतर क्या है? एक बुद्धिमान एक पाठ संदेश भेजता है और एक मूर्ख उन्हें पढ़ता रहता है. आपने कितनी बार मेरे संदेश पढ़े हैं? Happy April Fools Day.