Raipur News : यूं तो हिंदू नव वर्ष (hindu new year)की धूम पूरे भारतवर्ष (Bharatvarsh)में दिखाई दे रही थी। जहां हर चौक चौराहों पर भगवा रंग (Saffron colour)लहरा रहा था। जहां लोग अपने अपने स्तर पर इस त्यौहार को उत्साह और हर्षोल्लास(Festival enthusiasm and gaiety) के साथ मना रहे थे। वही राजधानी रायपुर के डॉल्फिन ज्वैलो कॉलोनी में अलग ही नजारा दिखाई दे रहा था। जहां कॉलोनी वासी (colony dwellers)एकत्र होकर इस नव वर्ष को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। जहां विधिवत मंत्रोच्चारण (duly chanting)के बाद श्री गणेश (Shri Ganesh)की आरती के साथ साथ कॉलोनी में रहने वाली महिलाएं रंगोली प्रतियोगिता (Women Rangoli Competition)का हिस्सा बन रही थी। वही बच्चे बुजुर्ग और युवा सनातन धर्म (Children old and young Sanatan Dharma)की वह परंपरा निभा (carry on tradition)रहे थे जिसे आज लोग भूलते चले जा रहे हैं लोग अंग्रेजी नववर्ष(english new year) को तो बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं मगर हिंदू नव वर्ष पर लोगों का उत्साह(Excitement) कम रहता था मगर आज सनातन परंपरा से लोग जुड़ते चले जा रहे हैं। और उसका जीता जाता उदाहरण डॉल्फिन ज्वैलो(Dolphin Jewel) में देखने को मिला जहां पर बड़े ही हर्षोल्लास(gaiety) के साथ नए वर्ष का स्वागत किया गया खुशियां मनाई गई विधि विधान से पूजा अर्चना किया गया और लोग एक दूसरे को बधाई प्रेषित (congratulation sent)कर रहे थे।
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हालांकि, पाश्चात्य सभ्यता की तर्ज पर हम नया साल 1 जनवरी को मनाते हैं। लेकिन हिंदू नववर्ष चैत्र महीने की पहली तारीख यानि चैत्र प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस बार हिन्दू नव वर्ष 2 अप्रैल को मनाया गया। चैत्र नवरात्र से ही हिंदू नववर्ष का आगाज़ हो जाएगा। हिंदू नववर्ष के पहले दिन को नव संवत्सर भी कहा जाता है। जिसे विक्रम संवत भी कहकर बुलाते हैं। हिंदू नववर्ष या हिंदू कैलेंडर के हिसाब से व्रत एवं त्यौहार की तिथियों का आधार पर मनाते हैं। शादी हो या फिर कोई और शुभ कार्य सभी कुछ हिंदू कैलेंडर या पंचांग देखकर ही किए जाते हैं।