रहमत, बरकत व गुनाहों(mercy, blessings and sins)से छुटकारे का महीना रमजान (ramzan )शुरू हो गया है। चांद नजर आया तो रविवार को माह-ए-रमजान का पहला रोजा रखा गया । चांद नजर नहीं आने पर सोमवार को पहला रोजा रखा गया । चांद नजर आने पर तरावीह की नमाज भी शुरू हो जाएगी। मदरसा(madarsa ) जाम-ए-उल उलूम के मोहतमिम हाजी मौलाना आले हसन ने कहा कि महीने की 29 तारीख होने से चांद होने की उम्मीद है।
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कब से शुरू हुआ रमजान(ramzan )
आपको बता दे कि इस्लामिक कैलेंडर (islamic calendar )के अनुसार, इस बार 2 या 3 अप्रैल को पहला रोजा(roja ) हो सकता है। अगर 1 अप्रैल को चांद दिखाई देगा तो पहला रोजा 2 अप्रैल को होगा। लेकिन 2 अप्रैल को चांद दिखा तो 3 अप्रैल को देश में पहला रोजा हुआ । इसके बाद 30 दिन तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह(allah ) की इबादत करेंगे।
इस दिन घरों में अच्छे-अच्छे पकवान भी बनते हैं। इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह बहुत ही खुशी का त्योहार(festival of happiness ) होता है।
पांच वक्त की नमाज पढ़ते(read )
रमजान के पवित्र महीने में 30 दिन तक मुस्लिम समाज(Muslim Brotherhood)के लोग इबादत करते हैं। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मुस्लिम(muslim ) समुदाय के लोग कुछ खा-पी नहीं सकते हैं। इस दौरान वह पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं और सूर्यास्त के बाद ही वह रोजा खोलते हैं। साथ ही रमजान में मस्जिदों और घरों में में कुरान की तिलावत भी की जाती है। सभी लोगों के लिए रमजान में रोजा रखना जरुर माना जाता है। हालांकि, सिर्फ नवजात बच्चों, महिलाओं(womens ), गर्भवती औरतों(pregnant women ) को रोजा न रखने की छूट होती है।