कोरोना वायरस के XE वेरिएंट का मामला महाराष्ट्र के बाद गुजरात में भी पाया गया। नए वेरिएंट के आने से लोगों में फिर चिंता बढ़ी है। XE ओमिक्रॉन के दो सब-वेरिएंट BA.1 और BA.2 से मिलकर बना है, जो इसे ओमिक्रॉन से भी ज़्यादा संक्रामक बनाता है। इसका मतलब यही हुआ कि यह मूल वेरिएंट ओमिक्रॉन की तुलना और भी तेज़ी से फैलेगा और पहले से ज़्यादा लोगों को संक्रमित करेगा।
हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब यह नया वेरिएंट यूके में पाया गया है तब से इसके लक्षण हल्के ही देखे गए हैं। इसके बावजूद एक्सपर्ट्स लोगों को चेता रहे हैं कि कोविड को लेकर कोताही न बरतें और इससे जुड़ी सभी सावधानियों पर ध्यान दें।
क्या है XE वेरिएंट?
कोविड का XE वेरिएंट सबसे पहले जनवरी में इंग्लैंड में पाया गया था और तब से 600 से ज़्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। ऐसा माना जा रहा है कि XE वेरिएंट मूल वायरस से 10% अधिक ट्रांसमिसिबल यानी संक्रामक है। यह SARS-COV-2 के वेरिएंट ओमिक्रॉन के दो सब-वेरिएंट BA.1 और BA.2 से मिलकर बना है।
XE वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?
अभी तक XE के रिपोर्टेड लक्षणों में ओमिक्रॉन के लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे- कमज़ोरी, थकावट, बुख़ार, सिर दर्द, बदन दर्द, दिल की धड़कने बढ़ना और दिल से जुड़ी दिक्कतें। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस वक्त यह कहना मुश्किल है कि XE वेरिएंट दूसरे मौजूदा वेरिएंट्स से कैसे अलग है।
क्या XE गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है?
XE वेरिएंट से होने वाला संक्रमण अभी तक हल्का देखा जा रहा है। ज़्यादातर लोगों को वैक्सीन और कई को बू्स्टर शॉट्स भी लग चुके हैं। अभी तक यह कहने के लिए बहुत अधिक सबूत नहीं हैं कि XE के कारण होने वाली बीमारी अधिक गंभीर है, इसकी वजह से लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है या फिर मृत्यु दर में वृद्धि हुई है।