जगदलपुर ऑफिस डेस्क:- छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज की अध्यक्षता में आज बस्तर जिले के पंचायतीराज प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई। पंचायतीराज प्रतिनिधियों के साथ हुई इस चर्चा के दौरान पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय रुप से सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया। बैठक में छत्तीसग राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, सचिव श्री सतीश पाण्डे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहित व्यास, अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का सहित जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्राम सरपंच तथा अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान छत्तीसग राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज ने कहा कि आयोग की जिम्मेदारी पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय रुप से मजबूत करने की है। उन्होंने बताया कि यह छत्तीसगढ़ राज्य में गठित चतुर्थ वित्तीय आयोग है तथा आज की इस चर्चा के माध्यम से 2025-2030 तक के लिए पंचायतीराज संस्थाओं की वित्तीय आवश्यकता एवं उसकी पूर्ति के लिए योजना तैयार की जाएगी।
इस चर्चा के दौरान पंचायत एवं नगरीय निकायों के आर्थिक स्थिति, राज्य से निकायों को अंतरित की जाने वाली राशि का निर्धारण, निकायों को स्थानांतरित किए जाने योग्य कर एवं शुल्क, निकायों के वित्तीय स्थिति में सुधार हेतु सुझाव, सार्वजनिक निजी क्षेत्र की भागीदारी की संभावना, जनपद व जिला पंचायतों को निधि अंतरण की व्यवस्था, कर एवं गैर कर आय का युक्तियुक्तकरण, कर एवं गैर कर आय की नई संभावनाओं की पहचान, वित्तीय संस्थानों से राशि प्राप्त करने की संभावना, वित्तीय प्रबंधन में सुधार, वित्तीय प्रदर्शन के माॅनिटरिंग में सुधार, अधिक राजस्व के लिए प्रोत्साहन, व्यय में कुशलता व मितव्ययता, प्रश्नावली के माध्यम से निकायों की जानकारी, स्थानीय निकाय के जनप्रतिनिधियों से चर्चा, सांसद व विधायकों से चर्चा, संबंधित शासकीय विभागों के साथ चर्चा, गैर शासकीय व नागरिक संस्थाओं से चर्चा, विशेषज्ञ संस्थाओं तथा आम जनता के चर्चा, ग्राम पंचायत में कुल घर, शौचालय युक्त घर, सार्वजनिक शौचालयों की संख्या, घरों में नल-जल सुविधा, विभिन्न साधनों से पेयजल सुविधा, सड़क पर प्रकाश व्यवस्था, जल निकासी की व्यवस्था, कुड़ा-करकट ले जाने की व्यवस्था, आंतरिक सड़कें, इंटरनेट, गौठान, गांव में शिक्षा का स्तर, ग्राम पंचायत की आस्तियां, कर राजस्व, गैर कर राजस्व, राज्य वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर प्राप्त राशि, राज्य शासन की अन्य योजनाओं से प्राप्त अनुदान, केन्द्रीय वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर प्राप्त राशि, सांसद व विधायक निधि से प्राप्त अनुदान, स्थापना व्यय, नागरिक सुविधाओं पर व्यय, संधारण व्यय, वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर प्राप्त राशि से व्यय, ब्याज पर भुगतान, भवन निर्माण, जल आपूर्ति, अधोसंरचना निर्माण एवं प्रकाश व्यवस्था पर व्यय, आगामी पांच वर्षों में पंचायत के स्वयं के कार्यों के लिए वित्तीय आवश्यकता, कर नहीं लगाने के कारण, वित्तीय कठिनाईयों के कारण, नवाचार, संभावित वार्षिक आय एवं व्यय तथा आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु सुझावों पर चर्चा की गई।