अपने पति के जमीन(Earth)पर कब्जा दिलवाने (get possession)के लिए कलेक्टर के दफ्तर के चक्कर काट रही है एक विधवा बुजुर्ग महिला(widow elderly woman), लेकिन प्रशासन के कानों में जू तक नहीं रेंग रहा है। कोर्ट के फैसला आने के बाद भी अधिकारी टाल मटोल (evasive)कर रहे हैं। मामला है खल्लारी थाना क्षेत्र (Khallari police station area)के ग्राम आमाकोनी(Village Amakoni) का है जहां कुन्ती बाई निवास (Kunti Bai Niwas)करती है।
जिनका बागबाहरा (Bagbahra)में पटवारी हल्का नम्बर 20 में भूखण्ड क्रमांक 502/1 में 374 वर्गमीटर औरक्रमांक 502/2 में 144 वर्ग मीटर जमीन है। इस जमीन कुन्ती बाई पित स्व. बलीराम सूर्यवंशी के नाम से जमीन है। जिस पर सावित्री बाई, लता बाई और सुन्दर लाल बघेल(Sundar Lal Baghel) ने कब्जा कर लिया है। प्रकरण अनुविभागीय दंडाधिकारी बागबाहरा (magistrate baghbahra)और न्यायालय महासमुन्द में चल रहा थखा। न्यायाधीश भीष्म प्रसाद पांडेय ने मामले में सुनवाई करते हुए फैसला दिया है कि पर सावित्री बाई(Savitri Bai), लता बाई (Lata Bai)और सुन्दर लाल बघेल (Sundar Lal Baghel)से कब्जा हटा कर कब्जा कुन्ती बाई( Kunti Bai)को दिया जाये। कोर्ट के आदेश के बाद लगातार विधवा बुजुर्ग महिला (widow elderly woman)अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रही है लेकिन अधिकारियों द्वारा कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए अब तक कुन्ती बाई को कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है। हम आपको बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं जहां तहसीलदार पटवारी (Tehsildar Patwari)और आरआई मिल कर इस तरह का गोल माल कर रहे हैं।
कुन्ती बाई का कहना है कि वह अकेली महिला है बाल बच्चे नहीं है। कोर्ट कचहरी के चक्कर काट कर वह परेशान हो गई है। कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आने के बाद भी तहसीलदार उनकी बात नहीं सुन रहा है। कलेक्टर दफ्तर के चक्कर लगातार कुंती बाई काट रही है लेकिन प्रशासन से सिर्फ उन्हें आश्वासन मिल रहा है। कुंती बाई का तहसीलदार पर आरोप है कि जान बुझकर उनके द्वारा कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है ताकि अनावेदक को अगली कोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके।