महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद अब असम से भी अजान के दौरान लाउडस्पीकर को बैन करने की मांग उठनी शुरू हो गई है। असम के राउइ विंग ग्रुप कुटुंब सुरक्षा मिशन ने लाउडस्पीकर बैन करने की मांग करते हुए कहा है कि लाउडस्पीकर कभी इस्लाम का हिस्सा नहीं था। कुटुंब सुरक्षा मिशन के प्रेसिडेंट सत्यराजन बोरा ने सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर उनके संगठन की मांगों को नहीं माना गया तो वो मामले को अपने हाथों में ले लेंगे। बोरा ने कहा है कि अगर आने वाले दिनों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाया गया तो वो असम में सड़क जाम करना शुरू कर देंगे।
गौरतलब है कि पिछले कर्नाटक हाई कोर्ट ने सभी धार्मिक जगहों से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश दिया था। इस फैसले को लेकर कर्नाटक के सीएम बसावराज बोमाई ने कहा था कि ये हाई कोर्ट का आर्डर है और किसी को भी फोर्स नहीं किया जाएगा। सबकुछ एक दूसरे से बात करके और एक दूसरे को सबकुछ समझाते हुए किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने की मांग करते हुए कहा है कि अगर लाउड स्पीकर नहीं हटे तो हम हनुमान चालिसा चलाएंगे। राज ठाकरे ने कहा है कि अगर मस्जिद से लाउड स्पीकर नहीं हटाए गए तो हमारे कार्यकर्ता उस समय पर लाउड स्पीकर पर हनुमान चालिसा और भजन चलाएंगे।
इस मामले पर कर्नाटक के मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि ये मामला सिर्फ मुस्लिम समुदाय से बातचीत के आधार पर ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अजान के बदले तेज आवाज में हनुमान चालीसा चलाने की कोई प्रतियोगिता नहीं चल रही है। उन्होंने कहा- मुझे मुसलमानों की नमाज से कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर आपकी ही तरह मंदिर और चर्च में लाउड स्पीकर बजने लगे तो दो समुदायों के बीच तनाव की वजह बन सकती है।