अग्निशमन सेवा सप्ताह 2022: अग्निशमन सेवा कैसे बनी भारतीय सुरक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग
छत्तिशगढ फायर सर्विसेज की ओर से 14 से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। पहले दिन 14 अप्रैल को अग्निशमन सेवा शहीद स्मृति दिवस मनाया जाएगा।
गरियाबंद अग्निशमन अधिकरी दीपांकूर नाथ ने बताया कि 14 अप्रैल को स्मृति दिवस परेड के साथ ही पिन फ्लैग लगाया जाएगा। अग्नि सुरक्षा सप्ताह के तहत आज 14 अप्रैल को फायर स्टेशन क्षेत्रों में फायर रैली निकाल कर जनमानस को जागरूक किया जाएगा। वही अग्नि सुरक्षा सप्ताह के चलते जिला मुख्यालय व तहसील स्तर पर स्थित फायर स्टेशनों के सहयोग से शिक्षा संस्थानों में अग्नि सुरक्षा से संबंधित निबंध, चित्रकला एवं व्याख्यान का आयोजन होगा साथ ही जिला मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर बहुखंडीय भवनों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों व सभागारों का निरीक्षण होगा। इस दौरान अग्नि सुरक्षा से संबंधित जनजागरण तथा आग बुझाने से बेहतर आग से रोकथाम के संकल्प पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आज अग्निशमन सेवा सप्ताह का पहला दिन है। हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर अग्नि सुरक्षा और अग्नि रोकथाम को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक अग्निशमन सेवा सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह उन बहादुर पुरुषों को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने 14 अप्रैल, 1944 को तत्कालीन बॉम्बे पोर्ट के विक्टोरिया डॉक में एसएस फोर्ट स्टिकिन जहाज में लगी आग से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी। उस दिन विस्फोट के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। उन वीर जांबाजों की स्मृति में हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर इस सप्ताह को मनाया जाता है। वर्ष 2022 के लिए इस सप्ताह का थीम है – “आग से होने वाला नुकसान राष्ट्रीय नुकसान है – आइए हम अग्नि सुरक्षा उपायों को अपनाएं।”
लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है मुख्य उद्देश्य
इस अभियान का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करना, कार्यस्थल में आग की रोकथाम पर ध्यान देना, अग्नि सुरक्षा उपकरणों की संचालन क्षमता की जांच करना एवं कर्मचारियों को प्रभावी ढंग से आग को नियंत्रित करने में सक्षम बनाना है। पूरे सप्ताह के दौरान लोगों के बीच अग्निशमन के विभिन्न तरीकों का प्रदर्शन किया जाता है। इन गतिविधियों में अग्निशमन और बचाव पर प्रदर्शन, प्रशिक्षण कार्यक्रम, फायर क्रू सदस्यों के लिए फायर ड्रिल और प्रतियोगिताएं, अवकाश के दौरान अग्नि सुरक्षा फिल्मों की स्क्रीनिंग आदि शामिल हैं।
आग लगने की घटनाएं अब केवल बड़े शहरों तक नहीं हैं सीमित
आग लगने का खतरा अब केवल बड़े शहरों और विनिर्माण केंद्रों तक ही सीमित नहीं है। देश भर में विभिन्न साधनों के जरिए भारी मात्रा में अग्निशामक वस्तुओं के परिवहन के कारण हर रोज आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। खतरनाक सामग्री के व्यापक उपयोग, बड़े और ऊंचे भवनों के निर्माण के साथ औद्योगिक संयंत्रों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण आग लगने की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। ग्राम कपसीडीह में घर पर आग लगने की सूचना मिलते ही फ़ायर ब्रिगेड की गाड़ी रवाना होकर घटना स्थल पहुंच कर आग पर काबू पा लिया गया जिससे जाना माल की क्षति नहि हुई वही जंगलो में आग बुझाने को ले कर फ़ायर ब्रिगेड की टीम २४ घंटे तत्पर रहती है मार्च के महीने में आरक्षक दारा सूचना दी गई पुलिस लाइन के पीछे पहाड़ी पर जंगलो में आग लगी हुई है सूचना मिलते ही टीम ने रेस्क्यू कर आग पर क़ाबू पा लिया था, होली पर्व के रात को 2 बजे एक होटल के सामने पेड़ लग गई थी जिसकी सूचना अग्निशामक टीम को मिलते ही तत्काल आग पर कब पा लिया गया था वही पिछले वर्ष गरियाबंद में एक कपड़े की दुकान पर आग लगी थी और साथ ही एक मकान आग लगी थी जिसे फ़ायर बिर्गेड की टीम द्वारा जा कर तुरंत आग पर क़ाबू पा लिया गया था ऐसे में फायर सेफ्टी कवर हमारी सुविधा नहीं आवश्यकता बन गया है।
पिछले कुछ वर्षों में अग्निशमन सेवा की बढ़ गई हैं जिम्मेदारियां
अग्निशमन सेवा का दायित्व मुख्य रूप से आग बुझाना तथा जीवन और संपत्ति की रक्षा करना है। पिछले कुछ वर्षों में अग्निशमन सेवा की भूमिका में कुछ बदलाव आए हैं। कुछ परिवर्तन बाहरी कारणों से प्रभावित थे, जबकि अन्य के लिए स्वयं संगठन ने पहल की थी। उन्हें खतरनाक सामग्रियों से होने वाली घटनाओं, उन्नत आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों, सीमित स्थान में बचाव, खाई और पानी के नीचे होने वाले बचाव अभियानों की भी जिम्मेदारी दे दी गई है। इन सभी परिवर्तनों की वजह से इस पेशे का जोखिम और भी अधिक बढ़ गया है। यह कहा भी जाता है कि “जब विशेषज्ञ घबराते हैं, तो वे अग्निशमन विभाग को बुलाते हैं। और वे अपना दायित्व निभाते है विशेष रूप से उपस्थित रहे अग्निशामक अधिकारी दीपाँकुर नाथ थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम