देशभर में आज जैन धर्म(jain dharm ) का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती मनाई जा रही है। आज ही के दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था। जैन धर्म में इस जयंती को काफी महत्वपूर्ण(important ) माना जाता है क्योंकि महावीर जैन धर्म के आखिरी आध्यात्मिक गुरु थे। भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले बिहार के वैशाली के पाल कुण्डलपुर में हुआ था।
read more : RRR Worldwide Box Office: राजामौली की आरआरआर 1000 करोड़ के बेहद करीब, जानें- दो हफ्तों का नेट कलेक्शन
बहुत कम उम्र में छोड़ा अपना घर(left his home in age)
भगवान महावीर का जन्म ईसा से 540 वर्ष पहले बिहार के वैशाली गांव कुंडग्राम(kundgram ) में हुआ था। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ और मां का नाम त्रिशला था। जब भगवान महावीर का जन्म जिस नक्षत्र और शुभ योग में हुआ था। उस वजह से राज्य में काफी उन्नति और खुशहाली आई थी। इसी वजह से उनका नाम वर्धमान रखा गया था। स्वामी महावीर(swami mahavir ) जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। बहुत ही कम उम्र में उन्होंने माया और मोह को त्याग दिया था और सत्य की खोज में निकल पड़े थे।
भगवान महावीरजी(bhagwan mahavirji ) ने की 12 सालों की कठोर तपस्या
बताया जाता है कि अपनी 12 सालों की तपस्या के दौरान भगवान महावीर ने महज 349 बार ही भोजन किया था। भगवान महावीर ने ज्ञान की प्राप्ति के बाद लोगों को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। भगवान महावीर(bhagwar mahavir ) ने जैन धर्म के पांच सिद्धांत दिए थे। सत्य अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य का पालन।
कैसे मिला जैन धर्म(jain dharm ) को नाम
भगवान महावीर ने अपनी इंद्रियों पर काबू पा लिया था। इसी वजह उनका नाम जितेंद्रिय या जिन कहा जाने लगा।