रियलिटी शो ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ (Reality Show ‘India’s Got Talent’)के हर सीजन में एक से बढ़कर एक काबिल कलाकार निकल कर सामने आते है। इस बार के कलाकारों ने भी अपने टैलेंट से न सिर्फ निर्णायकों के दिल जीते बल्कि पूरे देश का प्यार(love ) भी पा लिया। हर किसी ने अपने हुनर को शिद्दत के साथ पेश किया। लेकिन, विनर तो एक ही होता है।
आपको बता दे कि इस बार इस शो के विनर रहे दिव्यांश(divyansh ) और मनुराज(manuraj )। शो में पहली बार हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और पश्चिमी संगीत का कमाल जुगलबंदी देखने को मिली।
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मुंबई (mumbai) गुरुकुल में रहकर 12 साल तक शास्त्रीय संगीत सीखा
मनुराज ने पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के मुंबई गुरुकुल में रहकर 12 साल तक शास्त्रीय संगीत सीखा है। वह बताते हैं, ‘मेरे लिए गुरुकुल में प्रवेश लेना आसान नहीं था। गुरुकुल(gurukul ) में आने से पहले मैंने संगीत की थोड़ी बहुत शिक्षा ली थी। यहां सिर्फ संगीत सीखना नहीं होता है बल्कि गुरुकुल प्रथा का पालन करना होता है। मैं इस प्रथा को आगे बढ़ाना चाहता हूं।’
यहाँ से हुई बांसुरी बाजने की इच्छा (wish )
मनुराज की मां अध्यापिका हैं और मदिरों में शौकिया तौर पर भजन कीर्तन करती हैं। एक बार वह स्कूल से लौट रहे थे तो देखा कि एक चायवाला बांसुरी बजा रहा है। यहीं से उन्होंने बांसुरी बजाना सीखा। मनुराज बताते हैं, ‘जयपुर के एक कार्यकम में गुरु संदीप सोनी को बांसुरी बजाते देखा तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए। उनकी बांसुरी बिल्कुल वैसी थी जैसी मैंने फिल्मों में देखी थी। उनसे मैंने बांसुरी सीखी।