राजस्थान( rajasthan) के जोधपुर( jodhpur) में दुनिया के सबसे अनोखे मेले का आयोजन किया जाता है, जहां पर 16 दिन पूजा करने के बाद सुहागिन महिलाएं अलग-अलग स्वांग रचकर रात में सड़कों (street) निकलती हैं, इसे बेंतमार के नाम से भी जाना जाता है। प्रचीन काल से चले आ रहे, इस मेले की खासियत यह है कि भाभी अपने देवर और अन्य कुंवारे युवकों को प्यार से छड़ी मार कर बताती हैं कि यह कुंवारा है। जिसके बाद कुंवारे लड़कों की शादी जल्द हो जाती है।
मेले से जुड़ी खास बात (Special thing about the fair)
मेला रात 11 बजे बाद परवान चढ़ना शुरू हुआ जो अल सुबह चार बजे तक चला। इस दौरान हर कोई इसके रंग में ही दिखाई दिया। परंपरा है कि सुबह चार बजे के बाद जब गवर को विदाई दी जाती है तो उस समय एक भी पुरुष सड़क( road) पर नहीं होता है।
ऐसा माना जाता है कि इस दौरान अगर कोई पुरुष( men) दोवर के सामने आता है तो अनिष्ट हो जाता है। जो महिलाएं( women) अलग-अलग स्वान धरकर मेले में पहुंची उनमें ज्यादातर देवी देवताओं के रूप लेकर आईं। इसके अलावा पुलिस, फौजी, डॉक्टर व वकील( lawyer) पहुची।
इस मेले लिए महिलाएं( women) पूरे दिन तैयारी करती है। सुबह से ही पार्लर में महिलाओं की भीड़ देखने को मिली। महिलाएं किसी एक रूप में मेले में शामिल होती हैं। उनकी खुशी देखते ही बनती है।