Saving Habits : बच्चों को सही दिशा देना की शुरुआत बचपन से ही कर दी जाती हैं। बच्चा बचपन में जो सिखता है वो बड़े हो कर उसके ही काम आता है। आपने अक्सर देखा होगा की बच्चों को बच्चपन में बहुत कुछ सिखाया जाता हैं लेकिन कभी ये सुना है कि बच्चे को सेविंग करना सिखाया जा रहा हो। जी हां वक्त के साथ-साथ सब कुछ बदल रहा हैं। बच्चों को बचपन में ही पैसों की कीमत समझा दी जाती है। उन्हें पैसों को कैसे बचाया जाएं सिखा दिया जाता है।
वास्तव में, भविष्य की जरूरतों के लिए कुछ लोग अपने वेतन से थोड़ा सा पैसा अलग रख लेते हैं। जिसे वह जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते है। तो चलिए आज जानते हैं कि कैसे बच्चों को बचपन में ही पैसों की अहमियत सिखाई जा सकती है।
पिगी बैंक
पिगी बैंक नाम तो आपने सुना ही होगा। लोग अक्सर अपने बच्चों को पिगी बैंक दे देते हैं लेकिन इसका सही मूल्य नहीं सिखा पाते। ऐसे में आप बच्चों को सबसे पहले ये समझाना होगा है कि ये बैंक उनका निजी बैंक है। जिसमें वो अपने पैसे रख सकता है। बच्चों को मिलने वाली पॉकेट मनी से कुछ पैसे पिगी बैंक में डलवा दें। फिर धिरे-धिरे पिगी बैंक को भरता देख बच्चों का उत्साह बढ़ेगा और वह बचत करना सिखेगें।
लक्ष्य निर्धारित करें
आप बच्चे के सामने लक्ष्य रख सकते है जैसे- कि बच्चा किसी चीज को खरीदना चाह रहा हो तो आप उसे समझाए की ये चीज वह खुद भी खरीद सकता है, जिसके लिए उसे अपनी पॉकेट मनी से कुछ पैसा सेव करना होगा।
मेहनत करना बताएं
किसी भी बच्चे को ये शायद ही पता हो की पैसा कमाना कितना मुश्किल और मेहनत भरा काम होता है। तो बच्चे को पैसों का मोल समझाने के लिए जरूरी है कि उसे यह बताएं कि पैसा कितनी मेहनत से कमाया जा रहा है। ऐसे में आप बच्चों से घर के छोटे-मोटे काम करवा सकते है और उनकी मेहनत के बदले कुछ पैसे दे सकते है।