प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( prime minister narendra modi) आज एक और पुरानी प्रथा तोड़ने जा रहे हैं। सूर्यास्त के बाद लाल किले से भाषण देने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होगें। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन लाल किले की प्राचीर से नहीं बल्कि लॉन से करेंगे। लाल किले की प्राचीर वह जगह है जहां से प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हैं।
Read more : WHO Chief: PM मोदी ने बदला WHO चीफ टेड्रोस का नाम, भारत में आकर बने ‘तुलसी भाई’
मंत्रालय ने कहा कि इस मौके पर 400 रागी (सिख संगीतकार) शबद कीर्तन करेंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिल्ली ( delhi)सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया जा रहा है।मंत्रालय( ministry) ने कहा कि इस कार्यक्रम में देशभर के 11 मुख्यमंत्री और प्रमुख सिख नेता शामिल होंग इसमें 400 सिख ‘जत्थेदारों’ के परिवारों को भी आमंत्रित (invite) गया है, जिनमें अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के लोग भी शामिल हैं।
कड़ी सुरक्षा ( safety)
लाल किले में 1000 अतिरिक्त दिल्ली पुलिस( delhi police) के जवानों की तैनाती की गई है। लाल किले परिसर में 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, इसके साथ ही ड्रोन कैमरों का भी इंतजाम किया गया है, ताकि किसी तरह की चूक न हो सके।
गुरु तेग बहादुर जी के बारे में खास बातें( important)
गुरु तेग बहादुर का नाम त्याग मल था। गुरु तेग बहादुर नाम उन्हें गुरु हरगोबिंद जी ने दिया था।तेग बहादुर के भाई बुद्ध ने उन्हें तीरंदाजी और घुड़सवारी में प्रशिक्षित किया था। बकाला में रहते हुए, गुरु तेग बहादुर जी ने उस स्थान पर लगभग 26 वर्ष 9 महीने 13 दिन तक तपस्या की थी।उन्होंने अपना अधिकांश समय ध्यान में बिताया था।